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Wednesday, 22 January 2014

डीएड की छात्राओं ने मिडिल हेड ट्रेनिंग के दौरान बताया : ऐसे कायम रखनी है व्यवस्था

** छात्राओं ने पदोन्नत हुए 152 मिडिल हेड को डाइट में ट्रेनिंग के दौरान मार्गदर्शन किया  
कैथल : डीएड के दूसरे वर्ष की छात्राओं ने ट्रेनिंग लेने आए मिडिल हेड को स्कूल में व्यवस्था बनाए रखने के लिए गाइड किया। दोनों छात्राओं को गाइड करते देख ट्रेनिंग लेने आए मिडिल हेड काफी प्रभावित हुए। 
उन्होंने अपनी नोट बुक में सुझावों को नोट भी किया। डीएड की छात्रा दिव्या और डिंपी ने कहा कि एक अच्छे मिडिल हेड के तौर पर उनकी स्कूल के प्रति जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। अध्यापक को बच्चे के घर तक जाना होगा। इसी से पता चल सकता है कि बच्चा स्कूल से गैर हाजिर क्यों रहता है। इसमें बच्चों की समस्याएं हल करने के लिए भी मिडिल हेड को आगे आना होगा। स्कूल में ऐसा माहौल तैयार किया जाना चाहिए। इससे बच्चों की संख्या घटने के स्थान पर वृद्धि होगी। मिडिल हेड द्वारा स्थापित की गई व्यवस्था का प्रभाव स्टाफ सदस्यों पर पड़ता है। ऐसे में बच्चों को भी स्टाफ सदस्यों से सीख मिलती है। अनुशासन बनाए रखने के लिए स्वयं अनुशासन की पालना करना जरूरी है। 
पांच दिन में सीखेंगे मिडल हेड : 
पांच दिवसीय शिविर के इंचार्ज डॉ. सुलतान सिंह ने बताया कि शिक्षा का अधिकार नियम के तहत पहली से पांचवीं तक हेड टीचर, पहली से आठवीं तक हेडमास्टर और 9वीं से 12वीं तक प्रिंसिपल नियुक्त किया जाता है। इससे पहले प्रिंसीपल ही हेडमास्टर का कार्यभार देखता रहा है। अब कैश बुक, स्टोर, हाजिरी रजिस्टर, स्टेशनरी और मिड-डे मील का काम स्वयं मिडल हेड देखेगा। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रिंसिपल रफिया राम ने कहा कि मिडिल हेड को सर्वशिक्षा अभियान आईएफआईसी (इनसर्विस एजुकेशन फील्ड इंस्ट्रक्शन एंड कोऑर्डिनेशन) के तहत पांच दिन की ट्रेनिंग दे रहा है। 
हेडमास्टर और प्रिंसिपल को मिलती है एक माह ट्रेनिंग 
मिडल हेड सुरेश, संगीता, अमित, सुरेश और धीरज शर्मा का कहना है कि उन्हें डीडी पावर देने के साथ-साथ एक माह की विशेष ट्रेनिंग दी जाए। सरकारी स्कूलों में तैनात हेड मास्टर और प्रिंसीपल को स्कूल व्यवस्था को सुचारु तौर पर चलाने के लिए विशेष तौर पर एक माह की ट्रेनिंग मिलती है। ऐसे में मिडल हेड को पांच दिन की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ट्रेनिंग अधूरी है। जिले भर में 78 सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 65 हाई स्कूल हैं। एक ही बिल्डिंग में मिडल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल होने के कारण प्रिंसीपल के होते हुए मिडिल हेड का अधिकार क्षेत्र सीमित होगा।                         db

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