.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Wednesday, 22 January 2014

नर्सरी में दाखिले को नहीं ले सकेंगे स्कूल टेस्ट

** अभिभावकों द्वारा दी गई शिकायतों पर संज्ञान लेकर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करने को जारी किए दिशानिर्देश 
सोनीपत : विद्यार्थियों के नर्सरी में दाखिले को लेकर अभिभावकों को निजी स्कूलों की मनमानी अब बर्दाश्त करने की आवश्यकता नहीं रह गई है। 
शिक्षा विभाग ने अभिभावकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तय किया है कि अब कक्षा नर्सरी में विद्यार्थियों का कोई टेस्ट नहीं लिया जा सकता। अगर कोई स्कूल टेस्ट के नाम पर किसी विद्यार्थी को दाखिला देने में आनाकानी करता है तो शिक्षा विभाग की ओर से उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा निदेशालय की ओर से इस संदर्भ में संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी कर इस बाबत कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्देश शिक्षा के अधिकार कानून के तहत जारी किए गए हैं। जिले में करीब 265 निजी स्कूल हैं। वहीं 456 राजकीय प्राथमिक, 80 मिडल, 94 हाई स्कूल व 114 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। जिनमें करीब एक लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। 
वहीं स्थानीय राम नगर निवासी सतीश ठाकरान ने शिक्षा निदेशालय को भेजी शिकायत में टेस्ट के नाम पर वसूली की शिकायत की थी। 
विभाग निजी स्कूलों की मनमानी के विरोध में
"शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि किसी भी अभिभावक से टेस्ट के नाम पर कोई वसूली नहीं की जाए। विभाग निजी स्कूलों की मनमानी के विरोध में है तथा चाहता है कि विद्यार्थियों को गुणवत्ता परख शिक्षा मिलें।'' --परमेश्वरी देवी, डीईओ, सोनीपत। 
जरूरी नहीं होगा जन्मतिथि प्रमाण पत्र देना 
अभिभावकों को एक और बड़ी राहत जन्म प्रमाण पत्र के रूप में भी मिलने जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी प्राथमिक कक्षाओं में दाखिले के लिए निजी स्कूलों की ओर से मांगे जाने वाले जन्म प्रमाण की अनिवार्यता को खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं। इस संदर्भ में विभाग की ओर से जल्द ही पत्र जारी कर निजी स्कूलों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों को जन्मतिथि प्रमाण पत्र के बगैर दाखिला दें। 
विदित है कि इस समय निजी स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया जोरों पर है। जिसमें टेस्ट के नाम पर अभिभावकों से पांच सौ से 15 सौ रुपए वसूले जा रहे हैं। टेस्ट पास नहीं करने वाले विद्यार्थी को दाखिला नहीं दिया जाता है, लेकिन ली गई फीस भी वापस नहीं की जाती। जिस पर अभिभावक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिकायत की हैं, लेकिन अब अभिभावक टेस्ट लेने वाले स्कूल संचालकों की विभाग के अधिकारियों के पास शिकायत कर सकते हैं। इस बाबत कुछ अभिभावकों ने जब इसकी शिकायत निदेशालय में की तो शिक्षा निदेशालय हरकत में आया और परिणामस्वरूप स्थानीय अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए।                           db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.