हरियाणा में जे.बी.टी शिक्षक घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे सहित 55 आरोपियों को सजा देने के बाद अब अदालत की गाज शिक्षकों पर गिर सकती है। दरअसल, अदालत ने कहा है कि जिन लोगों ने गलत तरीके से नौकरी ली है, उन्हें नौकरी में रहने का हक नहीं है।
अदालत को इस बात की जानकारी है कि अयोग्य उम्मीदवारों को 17 या इससे अधिक अंक दिए गए, यानी कि इन उम्मीदवारों ने चयन के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया। साथ ही अदालत ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए गलत तरीके से नौकरी पाने वाले अध्यापकों को भी साजिशकर्ता मानते हुए कहा है कि ऐसे शिक्षकों को नौकरी में रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए।
अदालत का यह भी कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में पेश सूचियों के अनुरूप जिला स्तर पर चयन सूचियां बनाई जाए और जहां पर सुप्रीम कोर्ट की सूचियां उपलब्ध नहीं हैं , वहां पर शैक्षिक योग्यता या नए सिरे से साक्षात्कार के आधार पर चयन किया जाए। अदालत ने सीबीआई को इस मामले की गहराई से जांच करने को भी कहा है।
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