एससीईआरटी के विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर तैयारियां शुरू कीं
स्कूली विद्यार्थियों का सिलेबस बदलने जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार ने अब विद्यार्थियों को अपनी (हरियाणवी ) संस्कृति से विद्यार्थियों को रू-ब-रू करवाएगी। इसके लिए स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) के विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। विभागीय जानकारी के अनुसार एससीईआरटी के टेक्स्ट बुक सेल द्वारा छठी से आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किए जाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए एससीईआरटी ने नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) से अनुमति भी ले ली है।
42 वर्कशॉप के बाद तय होगा पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए कुल 42 वर्कशॉप लगाई जाएंगी। जिसकी शुरुआत 29 जनवरी को होने वाली कार्यशाला से होगी। पहली वर्कशॉप में नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग के विशेषज्ञ, कॉलेज विशेषज्ञ, लेक्चरर्स, मास्टर्स और एससीईआरटी के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
शिक्षा के अधिकार के तहत लिया फैसला
मानव संसाधन मंत्रालय की गाइडलाइन के तहत शिक्षा के अधिकार 2009 में प्रत्येक राज्य को स्कूल पाठ्यक्रम के माध्यम से अपने राज्य की संस्कृति की जानकारी से छात्रों को वाकिफ करवाना होगा। इसी के तहत हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा इस बदलाव की प्रक्रिया को शुरू किया गया है।
शुरुआती दौर में छठी से आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा। इसमें भी अंग्रेजी, हिंदी और सोशल साइंस विषयों को शामिल किया जाएगा। सोशल साइंस में हिस्ट्री, ज्योग्राफी और सिविक्स तीनों भागों को लिया जाएगा। इन विषयों में 20- 30 प्रतिशत बदलाव करके हरियाणा की संस्कृति से जुड़े विषयों को शामिल करना होगा। बदलाव करते समय विशेषज्ञों को यह ध्यान रखना होगा कि प्रदेश का खान-पान, रहन-सहन, भाषा, नृत्य और ऐतिहासिक स्थलों की समुचित जानकारी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
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