प्रदेश में हो रही सरकारी भर्तियों में शैक्षणिक योग्यताओं व लिखित परीक्षा को दरकिनार करते हुए केवल साक्षात्कार को ही महत्व दिया जा रहा है। जिस आवेदक को साक्षात्कार में ज्यादा अंक मिले, उसका सलेक्शन पक्का है, चाहे उसने 10वीं से एमए तृतीय श्रेणी में ही पास क्यों न कर रखी हो।
हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन ने स्कूल लेक्चरर की भर्ती में जो मापदंड अपनाए हैं, उससे तो ऐसा ही लगता है। जींद के पुलिस कालोनी निवासी विकास ने सूचना के अधिकार के तहत एचपीएससी से स्कूल लेक्चरर भर्ती परीक्षा (विज्ञापन संख्या 3/2009) के बारे में सूचना मांगी थी। कमीशन ने पत्र क्रमांक 17433 के तहत आवेदक को जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक भर्ती में 25 नंबर पात्रता, पांच नंबर एम.फिल, पांच नंबर पीएचडी और पांच नंबर अन्य योग्यताओं को दिए गए हैं। साक्षात्कार को सर्वाधिक महत्व दिया गया है, जिसके लिए 60 अंक निर्धारित किए गए। यहां यह सोचने वाली बात है कि जो 25 नंबर पात्रता के दिए गए हैं, वह उन सभी को मिलेंगे, जिन्हें कम या ज्यादा नंबरों से पात्रता पास कर रखी है। इसी प्रकार से एम.फिल व पीएचडी धारक बहुत कम मिलते हैं और अन्य योग्यताओं जिनमें एनसीसी बी, सी सर्टिफिकेट, एम.ए में 75 प्रतिशत से ज्यादा, खेलों का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सर्टिफिकेट पर पर पांच नंबर देने की बात कही गई है। ये योग्यताएं भी बहुत कम लोगों के पास होती हैं। 60 अंक साक्षात्कार के हैं, जबकि शैक्षणिक योग्यता व लिखित परीक्षा को कोई अंक नहीं दिया गया है। यदि कोई आवेदक दसवीं से एम.ए तक तृतीय श्रेणी में पास है तो उसे आसानी से पिछली दरवाजे से साक्षात्कार में अधिक नंबर देकर स्कूल लेक्चरर बनाया जा सकता है।
कोर्ट का लेंगे सहारा : स्कूल लेक्चरर भर्ती में चयन से वंचित रहे आवेदकों ने अब भर्ती में निर्धारित मापदंडों को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती देने का मन बना लिया है।
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