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Tuesday, 22 January 2013

हरियाणा में बिना मुखिया के चल रहे हैं 11285 स्कूल

चंडीगढ़, 21 जनवरी। हरियाणा सरकार के शिक्षा में सुधार के दावों की जमीनी हकीकत यह है कि आज भी प्रदेश के 11285 स्कूल बिना मुखिया के चल रहे हैं। स्थिति यह है कि लगभग 4500 प्राइमरी स्कूलों में हैड टीचर के पद रिक्त पड़े हैं। इतना ही नहीं, पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई कराने वाले विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के भी 28 हजार 327 पद खाली हैं।
स्कूलों में सुविधाएं देने में प्रदेश की हुड्डा सरकार ने भले ही दूसरे राज्यों से बाजी मार ली है किंतु पढ़ाई का स्तर पिछले वर्षों के मुकाबले चालू सत्र में गिरा है। शिक्षा के स्तर पर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वे करने वाली प्रथम संस्था की वर्ष 2012 की ‘असर’ नामक रिपोर्ट में भी साफ कर दिया है कि सरकार के प्रयासों का असर पढ़ाई पर नहीं पड़ा है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की नियमित भर्ती करने के आदेश प्रदेश सरकार को दिए हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया समय भी फरवरी माह के दौरान पूरा हो जाएगा। सरकार ने प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य शिक्षक भर्ती बोर्ड का गठन किया हुआ है और विभिन्न पदों के लिए बोर्ड की ओर से प्रक्रिया भी शुरू की गई है किंतु अभी तक कोई परिणाम देखने में नहीं आए हैं। आंकड़ों को देखा जाए तो प्रदेश में जेबीटी शिक्षकों के कुल 41815 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 28710 पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं जबकि 13105 पद लम्बे समय से रिक्त पड़े हैं। इसी तरह से सी. एंड वी. (हिंदी, पंजाबी, ड्राइंग, संस्कृत आदि) मास्टरों के 21622 स्वीकृत पदों में से 17558 पर शिक्षक काम कर रहे हैं जबकि 4064 पद रिक्त हैं। मास्टरों के कुल 25889 स्वीकृत पदों में से 7301 पद लम्बे समय से खाली चल रहे हैं।
इन पदों के विरुद्ध 18588 पदों पर मास्टर कार्यरत हैं। स्कूल प्राध्यापकों (लेक्चरर) के लिए प्रदेश के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 12850 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 8723 भरे हुए हैं जबकि 3857 काफी समय से खाली हैं।
स्कूलों के मुखिया की बात करें तो प्रदेश में संचालित 1622 हाई स्कूलों में से 900 स्कूल बिना हैड मास्टर के चल रहे हैं। सवा सात सौ के करीब ही स्कूलों में हैड मास्टर लगे हुए हैं, बाकी स्कूलों का कार्यभार वरिष्ठ मास्टरों को सौंपा गया है। इसी तरह से प्रिंसिपल के कुल 1605 पदों में से 337 रिक्त हैं जबकि 1268 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपल लगे हुए हैं। पूर्व तक सरकार में मिडिल हैड का कोई पद नहीं था। विभाग की ओर से 5548 मिडिल हैड के पद सृजित किए गए हैं किंतु अभी तक सभी बिना मुखिया के चल रहे हैं। प्रदेशभर में कुल प्राइमरी स्कूलों की संख्या 9434 हैं, जिनमें से लगभग 4500 स्कूल बिना हैड टीचर के चल रहे हैं।
पदोन्नति हुई पर नियुक्ति नहीं विगत दिवस ही प्रदेश सरकार ने 2120 मास्टरों को पदोन्नत कर एलीमेंटरी मिडिल हैड बनाया है किंतु इनकी नियुक्ति में भी अभी लम्बा समय लगेगा। मौलिक शिक्षा विभाग की ओर से इनकी पोस्टिंग के लिए काउंसङ्क्षलग शुरू की जाएगी और फिर इन्हें स्टेशन अलॉट होंगे। खास बात यह भी है कि 2120 मास्टरों के पदोन्नत होने के बाद प्रदेश में मास्टरों की संख्या 2120 और घट जाएगी। ऐसे में कुल खाली पदों की संख्या भी 7301 से बढ़कर 9421 हो जाएगी।

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