सरकार के इस फैसले का
शिक्षक व छात्र संघों ने विरोध शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि
जेबीटी के अधिकतर पद भरे जा चुके हैं। इस वजह से यह कोर्स सरकारी संस्थानों
में करवाने की जरूरत नहीं है। वहीं, अध्यापक संघ का कहना है कि जेबीटी के
44244 में से 18196 पद खाली पड़े हैं।
351 निजी कॉलेजों में 19100 सीटाें पर होंगे दाखिले
एससीईआरटी
गुड़गांव ने प्रदेश के सरकारी संस्थान 21 डाइट में जेबीटी के दाखिले बंद कर
प्राइवेट संस्थानों में प्रवेश लेने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस
नोटिफिकेशन के अनुसार रोहतक सहित प्रदेश के सभी 21 डाइट में जेबीटी के लिए
दाखिले नहीं किए जाएंगे। केवल चार बाइट व दो गैटी में सिर्फ 400 विद्यार्थी
दाखिला हो सकेंगे, जबकि 351 सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट में विद्यार्थियों
को 19100 सीटों पर दाखिले दिए जाएंगे। सरकारी संस्थान में जहां 800 रुपए
सालाना फीस लगती थी, वहीं निजी कॉलेजों में 25800 रुपए फीस लगती है। अन्य
खर्च अलग। प्रोस्पेक्ट्स के अनुसार, अंबाला, रतिया, मेवात में नगीना और
सिरसा में बाइट में दाखिले दिए जाएंगे। वहीं, मेवात के फिरोजपुर नमक और
पंचकूला के मोरनी में स्थित गैटी में दाखिले होंगे। यहां पर 400 सीटें
होंगी। एसएफआई की ओर से राज्य सचिव सुमित सिंह ने 18 से सभी जिलों में
विरोध करने की बात कही।
"हरियाणा
विद्यालय अध्यापक संघ सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा करता है। 11 व 12
को राज्य कार्यकारिणी की बैठक में इस फैसले को लेकर कोई भी आंदोलनात्मक कदम
उठाया जा सकता है। यह शिक्षा का निजीकरण है"-- वजीर सिंह, प्रवक्ता,
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ।
"विभाग
की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, सरकारी संस्थान डाइट में
सिर्फ स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों की ट्रेनिंग कराई जाएगी। जेबीटी को
ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी।"-- एनके वर्मा, असिस्टेंट डायरेक्टर (एकेडमिक),
एससीईआरटी
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