नई दिल्ली : मेडिकल में प्रवेश के लिए होने वाली नीट (नेशनल एलिजबिलिटी कम
एंट्रेस टेस्ट) यानी राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा पुराने तरीके से
ही होगी। यानी साल में एक बार और पेन-पेपर के जरिये होगी।
स्वास्थ्य
मंत्रलय की आपत्ति के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने साल में दो बार नीट
कराने की योजना टाल दी। ऑनलाइन परीक्षा कराने के प्रस्ताव को भी हटा दिया
गया है। मेडिकल कॉलेज में दाखिले की अगली परीक्षा अगले साल 5 मई को होगी।
इसके लिए रजिस्ट्रेशन एक नवंबर से शुरू होगा। उधर, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी
(एनटीए) ने मंगलवार को नीट, जेईई सहित कई अन्य परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी
किया। ये परीक्षाएं अभी तक सीबीएसई आयोजित करती रही है। नीट के पैटर्न में
बदलाव को लेकर यह हलचल उस समय शुरू हुई, जब मानव संसाधन विकास मंत्री
प्रकाश जावड़ेकर ने इनमें बदलावों को लेकर अधिकृत तौर पर घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानक के तहत साल में दो बार परीक्षाएं होनी
चाहिए। इस दौरान उन्होंने नीट और जेईई मुख्य परीक्षाओं को भी साल में दो
बार कराने की घोषणा की थी।
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