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Saturday 12 October 2013

खेल-खेल में पढ़ और सीख सकेंगे स्कूली बच्चे

** हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड टीचिंग मेथड में बदलाव पर कर रहा विचार 
भिवानी : अब स्कूलों में बच्चे मास्टरों से डर के मारे नहीं बल्कि अपनी मर्जी से खेल-खेल में पढ़ेंगे। दरअसल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की योजना प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को दबाव मुक्त पढ़ाने की है। इसी के तहत टीचिंग मेथड में बदलाव किए जाने पर विचार चल रहा है। नई योजना के तहत बोर्ड के स्कूल सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्कूल के टीचिंग मेथड को प्रदेश के अन्य स्कूलों में लागू करने की योजना है। बोर्ड इसका प्रपोजल बना रहा है। 
स्कूलों में बच्चों को लर्निंग बाय डूइंग मेथड के आधार पर पढ़ाया जाएगा यानी कि ज्यादा गतिविधियों व खेल के माध्यम से बच्चों को सिलेबस करवाया जाएगा। इसमें बच्चों को स्कूल में ऐसा माहौल मुहैया कराया जाएगा जैसा घर पर होता है। बच्चे के लिए फ्रेंडली माहौल तैयार किया जाता है। बिना किसी दबाव के बच्चों को विभिन्न गतिविधियों व खेलों के माध्यम से पढ़ाया जाएगा ताकि बच्चा स्वयं ही रूचि लें। 
बोर्ड की योजना दो बिंदुओं पर काम कर रही है। एक तो स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर को ही मास्टर ट्रेनर बनाकर सरकारी स्कूलों में भेजा जाए। जो वहां जाकर शिक्षकों को पढ़ाने का यह नया तरीका सिखाए। दूसरा सर्वपल्ली राधा कृष्णन स्कूल में विभिन्न कक्षाओं में पढ़ाई के दौरान की वीडियो रिकार्डिंग कराई जाए और उसे सभी स्कूलों में भेजा जाए। 
सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्कूल के एक शिक्षक डा. सुरेंद्र परमार ने बताया कि हमारे स्कूल का उद्देश्य बच्चों को सिलेबस रटाना नहीं बल्कि समझाना है। जैसे मानसून टॉपिक को पढ़ाने के लिए बच्चों को मानसून के दौरान गार्डन में लाकर उन्हें बताया कि मानसून कब आता है क्यों आता है। मानसून के लिए दबाव कैसे बनता है। इससे वे बेहतर तरीके से सीखते है। नौंवी के बाद बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाएगा है। इसके लिए स्कूली शिक्षकों के साथ- साथ बाहर से भी एक्सपर्ट की मदद ली जाती है।
"सर्वपल्ली स्कूल में टीचिंग मेथड बहुत अच्छा है। यहां बच्चों को बिना किसी दबाव के विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाया व सिखाया जाता है। हम चाहते है कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में यह मेथड लागू हो। इसके लिए प्रपोजल तैयार किया जाएगा। स्कूल के शिक्षक को मास्टर ट्रेनर बनाकर या क्लास की वीडियो रिकार्डिंग के माध्यम से सरकारी स्कूलों को इस टीचिंग मेथड के बारे में बताया जा सकता है।"--डॉ. अंशज, सचिव हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड     db

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