.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Thursday 3 October 2013

विवादों में फंसी भर्ती प्रक्रियाएं

** कानूनी पचड़ों के कारण फंसा पेंच, और लंबा हुआ अभ्यर्थियों का इंतजार
चंडीगढ़ : एक वक्त में ‘आयाराम गयाराम’ की राजनीति के लिए मशहूर सूबे ने भले ही इस क्षेत्र में छवि को सुधार लिया हो, लेकिन भर्तियों पर विवाद उठना व मामलों का कोर्ट में जाना कोई नई बात नहीं है। भर्तियों को लेकर क्षेत्रवाद का आरोप और ऐसे ही अन्य आरोप तत्कालीन सरकारों पर विपक्षी लगाते रहे हैं। 
बदलते दौर में अब कानूनी मदद ली जा रही है। बहरहाल, हाईकोर्ट के फैसले के बाद 1983 पीटीआई के बाहर जाने का रास्ता साफ हो गया है। हरियाणा टीचर भर्ती बोर्ड मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नियुक्ति करने अथवा कराने पर रोक लगाई थी। मामला अभी कोर्ट में लंबित है। दूसरी तरफ राज्य के पात्र अध्यापक संघ शिक्षकों की नियुक्ति मामले में राज्य सरकार द्वारा सही तरीके से पैरवी नहीं करने का आरोप लगाते हुए आंदोलनरत है। दोनों ही मामले भले ही वर्तमान सरकार के समय के हों, पर जेबीटी भर्ती मामला इनेलो के समय का है। इस मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आया गया। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला सहित 55 लोगों को दोषी करार देते हुए उसी दिन सजा सुनाई थी। इसमें पूर्व सीएम से लेकर उनके बेटे अजय चौटाला के अलावा विधायक शेरसिंह शामिल हैं। खास बात यहां पर यह है कि जेबीटी घोटाले में रोहिणी की सीबीआई कोर्ट ने कुल 62 आरोपियों में 55 को दोषी ठहराया था, जिनमें से छह की मौत और एक बरी हो चुका है। 1999-2000 के दौरान हरियाणा में तीन हजार से ज्यादा जेबीटी शिक्षकों की कथित गैर-कानूनी भर्र्ती हुई थी।
धांधली की जांच जारी 
जेबीटी भर्ती घोटाले की जांच की जा रही है। हालांकि इसमें विवाद भर्ती पर कम लेकिन पात्रता परीक्षा को लेकर अधिक आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि पात्रता परीक्षा में जमकर धांधली हुई। इसमें टीचरों के फिंगर प्रिंटस का मिलान किया जा रहा है। राज्य की प्रधान सचिव और वित्तायुक्त सुरीना राजन का कहना है कि मामले में क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो खुद जांच कर उन्हें रिपोर्ट देगा। हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें 48 लोग शामिल हैं। शिकायतकर्ता चाहते हैं कि जांच में तेजी लाई जाए। 2009 में जेबीटी टीचर भर्र्ती हुई थी। 
पारदर्शी व्यवस्था बने: विज
भाजपा विधायक अनिल विज का कहना है कि भर्ती के लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए, ताकि इसमें किसी भी तरह की शक संदेह की कोई गुंजायश ही ना रहे। राज्य में अभी भी शिक्षकों के हजारों पद खाली पड़े हुए हैं, यह मामला विधानसभा में भी उठाया गया था।   dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.