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Wednesday 22 January 2014

चौटाला सरकार में भर्ती किए जेबीटी शिक्षकों का रिकॉर्ड तलब

** हाईकोर्ट के एकल जज के 2862 शिक्षकों को हटाने के फैसले को डबल बैंच के सामने चुनौती 
चंडीगढ़ : इनेलो शासनकाल में भर्ती किए गए 2862 जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति खारिज किए जाने संबंधी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एकल जज के फैसले को डबल बेंच के सामने चुनौती दी गई है। 13 साल से नौकरी कर रहे इन शिक्षकों ने अपनी याचिका में कहा है कि भर्ती में उम्मीदवारों के स्तर पर अनियमितता की कोई शिकायत नहीं है इसलिए उन्हें नौकरी में बने रहने दिया जाए। याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद जस्टिस जसबीर सिंह व जस्टिस एचएस सिद्धू ने भर्ती से जुड़ा तमाम रिकॉर्ड तलब कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी। 
इससे पहले 8 जनवरी को हाईकोर्ट के जस्टिस के. कण्णन ने इस मामले में सुनाए फैसले में कहा था कि मेधावी उम्मीदवारों को नियुक्ति न देना यह दर्शाता है कि नियुक्ति प्रक्रिया में खामियां रही। कुल 3206 जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति दी गई जिनमें से 221 उम्मीदवार ऐसे थे जिन्होंने कम मॉक्र्स दिए जाने के बावजूद मेरिट सूची में जगह बनाई। हाईकोर्ट ने कहा कि ये 221 उम्मीदवार नौकरी में बने रहने के हकदार हैं। इनके अलावा 123 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनका नाम चयन के लिए तैयार की गई दोनों सूचियों में था। इस भर्ती में असफल रहे उम्मीदवारों की तरफ से हाईकोर्ट में दायर 80 अलग-अलग याचिकाओं में कहा गया कि उन सभी का नाम डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटियों की ओर से बनाई गई पहली लिस्ट में था लेकिन बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रभाव में लिस्ट बदल दी गई और वह नौकरी से वंचित रह गए। अब जबकि सीबीआई अदालत तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला समेत कई आरोपियों को दोष साबित होने पर सजा सुना चुकी है इसलिए इन नियुक्तियों को खारिज कर उन जैसे योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति दी जाए। 
गौरतलब है कि दिल्ली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में जनवरी 2013 में इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला व उनके बेटे अजय चौटाला को वर्ष 2000 के शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी ठहराते हुए 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी।                               db 


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