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Wednesday 8 January 2014

तीन माह बाद भी परिणाम नहीं घोषित फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा सिर पर

लापरवाही : बेहतर परीक्षा परिणाम को लेकर निश्चिंत नहीं हैं 12वीं कक्षा के विद्यार्थी 
** 28 दिसंबर तक घोषित किया जाना था परिणाम
सोनीपत : विद्यार्थी से लेकर अभिभावक और शिक्षक से लेकर स्कूल मुखिया तक की 12वीं दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा को लेकर जो चिंता थी, वह अब गंभीरता से दिखने लगी है। सितंबर माह में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षा हुई थी, लेकिन तीन माह बीतने के बाद अभी तक परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया गया है, जबकि बोर्ड का दावा था कि परिणाम 28 दिसंबर तक घोषित कर दिया जाएगा। 
वहीं फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा सिर पर है। ऐसे में उन विद्यार्थियों को चिंता सर्वाधिक हो रही है, जो अपने बेहतर परीक्षा परिणाम को लेकर निश्चित नहीं हैं। इससे अब एक साथ उन्हें दो-दो परीक्षा की तैयारी करनी पड़ सकती है। शिक्षा बोर्ड की ओर से मार्च में ही दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा कराना भी तय कर दिया है। 
स्कूल स्तर पर ली गई दसवीं की परीक्षा : 
मनमर्जी पर आधारित रही दसवीं की परीक्षा इस बार स्कूल स्तर पर 27 सितंबर से चार अक्टूबर तक ली गई। इसका परिणाम भी अभी तक नहीं आया। इस परीक्षा में अनुपस्थित रहे विद्यार्थियों की सूची 31 दिसंबर तक मांगी गई। वहीं दूसरी ओर कक्षा 12वीं की परीक्षा चार से 15 अक्टूबर तक आयोजित की गई थी। 
शिक्षक बोले, परीक्षा की तैयारी होगी प्रभावित : 
प्राध्यापक अतुल कुमार का कहना है कि परीक्षा परिणाम देरी से घोषित होने का असर फाइनल एग्जाम के परिणाम पर पड़ेगा। क्योंकि विद्यार्थियों की तैयारी अभी दूसरे सेमेस्टर की चल रही है, ऐसे में जब देरी से घोषित होने वाला परिणाम भी सही नहीं होगा तो विद्यार्थियों की मानसिक स्थिति भी प्रभावित होगी, जिससे फाइनल सेमेस्टर से बेहतर रिजल्ट की संभावना कम होगी। इसीलिए विद्यार्थी परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। 
15 तक घोषित होगा परीक्षा परिणाम 
"शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों की समस्या को लेकर चिंतित है, लेकिन इस बार चूंकि 29 नवंबर से दोबारा उत्तर पुस्तिका जांचने का काम शुरू हुआ, इसलिए देरी हो रही है। बोर्ड की पुरजोर कोशिश है कि 15 जनवरी तक परिणाम घोषित कर दिया जाए। इसके लिए बोर्ड की ओर से तैयारी भी तेजी से जाी है।''--मीनाक्षी, प्रवक्ता, हरियाणा विद्यालय, शिक्षा बोर्ड, भिवानी। 
इस प्रकार बिगड़ते गए विद्यार्थियों के लिए हालात 
  • विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम की पुस्तकें शिक्षा मंत्री के दावों के विपरीत ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद मिली। 
  • पहले यह परीक्षा अगस्त में होनी थी, लेकिन हुई सितंबर में। 
  • सरकार व प्राध्यापकों के बीच गतिरोध का भुगता खामियाजा, प्राध्यापकों ने कर दी हड़ताल। सात से 28 नवंबर तक रही हड़ताल। 
  • परिणाम अब तक नहीं आया, दूसरे सेमेस्टर पर प्रभाव पडऩा हुआ तय।                                db





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