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Saturday 18 January 2014

कोर्ट के आदेश के बाद भी शिक्षक के खाली पदों पर नियुक्ति नहीं


रेवाड़ी : न्यायालय के आदेश के बाद भी शिक्षा विभाग में प्रतीक्षारत शिक्षकों को ज्वाइनिंग का इंतजार है। वर्ष 2012 में घोषित परिणाम के बाद भी करीब 35 प्रतीक्षारत एसएस (सोशल स्टडी)मास्टरों को ज्वाइनिंग का बेसब्री से इंतजार है। इसके लिए वे न केवल शिक्षामंत्री बल्कि शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। शिक्षा विभाग में विभिन्न पदों के पद खाली होने के बावजूद आज भी उन्हें नियुक्ति पत्र जारी होने का इंतजार है। 
 राज्य सरकार ने वर्ष 2009 में 372 एसएस टीचर के लिए आवेदन मांगे थे। इसका परिणाम पिछले साल मई-2012 में घोषित हो गया था। पिछले वर्ष नवंबर 2012 में नियुक्ति पत्र दे गया लेकिन एससी कैटेगरी के करीब 35 उम्मीदवारों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया था। 
आरटीआई से पता चला सैकड़ों पद पड़े हैं खाली 
इन प्रतीक्षारत उम्मीदवारों ने आरटीआई के माध्यम से शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों की स्थिति की जानकारी मांगी तो पता चला कि अभी भी विभाग में सैकड़ों पद रिक्त पड़े हैं। इस पर उन्होंने शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से उन्हें ज्वाइन कराने की मांग की लेकिन हर बार जल्द ही समस्या का समाधान कराने का आश्वासन मिलता रहा। यह जल्द डेढ़ साल यूं ही बना हुआ है। विभाग के अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इतना ही नहीं आरटीआई के माध्यम से यह भी पता चला कि उस दौरान के 9647 जेबीटी टीचरों के भर्ती के बाद भी काफी संख्या में पद खाली रह गए लेकिन शिक्षा विभाग प्रतीक्षा सूची में रह गए उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी गई। 
असमंजस में जी रहे 
नौकरी के लिए योग्य घोषित 35 उम्मीदवार असमंजस की स्थिति में हैं। उनको समझ में नहीं आ रहा कि कोर्ट और अधिकारियों के बाद अब वे कहां जाएं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अभ्यर्थी ने कहा कि वे तो मुखर विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं। सरकार से वे उलझना नहीं चाहते, उनको तो बस नौकरी चाहिए। 
आदेश दे चुका है न्यायालय 
प्रतीक्षारत सूची में शामिल पुष्पा देवी, शीलवंती, प्रवेश कुमारी, नरेश कुमार, नरेश कुमार, बदन सिंह, राजसिंह, महेश कुमार, देवेंद्र कुमार, अमित कुमार, दिनेश कुमार, राजकुमार आदि का कहना है कि एसएस मास्टर के एससी कैटेगरी में रिक्त पदों में प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों को रिक्त पड़े पदों पर उच्च न्यायालय एक माह में ज्वाइनिंग कराने के निर्देश भी दे चुका है, लेकिन अभी तक अधिकारी कुछ नहीं कर रहे। 
उच्च विभाग के अफसर बता सकते हैं: डीईईओ 
इस संबंध में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामकुमार का कहना है कि इस प्रकार के मामलों को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उच्च विभाग के अधिकारी ही इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं। नियुक्ति और ज्वाइनिंग के दिशा निर्देश उच्चस्तर से बनाए जाते हैं। उनके पास इस बारे में कोई निर्देश नहीं है।                           db

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