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Wednesday 9 July 2014

शिक्षकों ने कटोरे लेकर किया प्रदर्शन

** स्कूलों के मर्ज के विरोध में प्रदर्शन कर सरकार को चेताया, डीसी के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन 
जींद : हाथों में कलम रखने वाले गुरुजी मंगलवार को कटोरे उठाकर सरकार और शिक्षा विभाग को कोसते हुए नजर आए। स्कूलों के समायोजन के विरोध में प्रदर्शन कर हजारों हाथों ने भविष्य की दुहाई देकर सरकार और शिक्षा विभाग को चेताया। अध्यापकों ने डीसी कार्यालय के मार्फत सीएम हुड्डा को ज्ञापन भेजकर फरमान को तुरंत वापस लेने की मांग की। 
लड़के-लड़कियों के प्राइमरी स्कूलों को तोड़कर एक स्कूल बनाने की नीति के विरोध में जिला मुख्यालय जींद के लघु सचिवालय के बाहर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले अध्यापकों द्वारा दिया जा रहा धरना मंगलवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया। पिछले चार दिनों से आमरण अनशन कर रहे संघ के राज्य कोषाध्यक्ष राजेश खर्ब की हालत बिगड़ने लगी है। 
सरकार और प्रशासन द्वारा पिछले चार दिनों में कोई सुध लेने पर जिले भर के सैकड़ों अध्यापक-अध्यापिकाएं मंगलवार दोपहर बाद धरना स्थल पर पहुंचे। शासन-प्रशासन की बेरुखी के चलते अध्यापकों का पारा गरम नजर आया। अध्यापकों ने सरकार द्वारा नित किये जा रहे नये-नये प्रयोगों को लेकर जमकर खरी खोटी सुनाई। 
छात्रोंका भविष्य होगा अंधकारमय : 
आमरणअनशन कर रहे राजेश खर्ब ने कहा कि स्कूलों के समायोजन की नीति से शिक्षक बनने का सपना पाले छात्रों का भविष्य अंधकार के गर्त में चला जाएगा। जब स्कूलों की संख्या ही नगण्य हो जाएगी तो निश्चित तौर पर रोजगार भी गिने चुने होंगे। शिक्षा जगत में प्रवेश करने के लिए भरसक प्रयास कर रहे छात्रों का भविष्य सुरक्षित हों, इसलिए ही आज अध्यापकों के हजारों हाथ कटोरा थामने पर मजबूर हुए हैं। 
राजेश सिवाच, राजबीर नैन, उपेंद्र गोयल, पवन वर्मा, प्रदीप खटकड़, प्रेम कुमार, हरदीप ढुल, प्रवीन यादव, बलवान सिंह, राकेश शर्मा धर्मबीर ने कहा कि सरकार नये प्रयोगों की बजाय नये पद सृजन कर अध्यापकों को भर्ती करने का काम करें, ताकि बेरोजगारी कम हो सकें।
हर तरह कुर्बानी देने को तैयार : सहारण 
संघ के जिला प्रधान विजय सहारण के नेतृत्व में सैकड़ों अध्यापकों ने हाथों में कटोरा लेकर प्रदर्शन किया। अध्यापक प्रदर्शन करते हुए डीसी कार्यालय पहुंचे और डीसी कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री हुड्डा को ज्ञापन भेजकर शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों के विलय के फरमान को वापस लेने की मांग की। अध्यापकों ने अनदेखी होने पर किसी भी तरह की कुर्बानी देने का ऐलान भी किया। सहारण ने कहा कि विभाग गलत नीतियों और निजीकरण को बढ़ावा देने के प्रयास में है, किंतु हरियाणा का एक-एक अध्यापक मर्ज करने के फरमान को सिरे नहीं चढ़ने देगा। यदि नौबत आई तो अध्यापक एक सैनिक की तरह अन्याय के खिलाफ अपनी कुर्बानी देने पर गुमान करेगा।                                        db


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