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Thursday 12 May 2016

4000 से ज्यादा चयनित जेबीटी को प्राईवेट स्कूलों ने भी निकाला

** चयनित जेबीटी न इधर के रहे न उधर के 
** हाईकोर्ट के आदेशों के बाद कईयों ने खुद छोड़ दी नौकरी
** प्रदेश में 12735 का हुआ है जेबीटी में चयन 
खरखौदा : माननीय हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी चयनित जेबीटी को सरकार ने ज्वानिंग दी नहीं और प्राईवेट स्कूलों में नौकरी कर रहे करीब 4 हजार जेबीटी को प्राईवेट स्कूल संचालकों ने अलविदा कह कर नौकरी से बाहर निकाल दिया। क्योंकि हर वर्ष वार्षिक बाँड जमा करवाना होता है जिसमें तय किया जाता है कि वे बची में नौकरी नहीं छोड़ेंगे। अब ऐसे करीब चार हजार चयनित जेबीटी न तो इधर के रहें है और ना ही उधर के रहे हैं। ऐसे में उनके सामने अब पूरी तरह से बेरोजगारी की तलवार लटक गई है। अध्यापक पात्र संघ के मुताबिक अकेले सोनीपत जिले में करीब 600 नव चयनित अध्यापक जो प्राईवेट स्कूलों में पढ़ाई करा रहे थे उन्हें नौकरी से निकाला गया है। उल्लेखनीय है कि दो चयन सूचियों में 12735 जेबीटी का चयन हुआ है। जिन्हें अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। वर्ष 2012 में ये भर्ती शुरू हुई थी, 2014 में चयन हुआ था अब 2016 में माननीय हाईकोर्ट का नियुक्ति से रोक हटाने का फैसला आया है। 
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद कईयों ने खुद छोड़ दी नौकरी 
प्राईवेट स्कूलों में नौकरी करने वाले शिक्षक ज्वानिंग न होने से चयनित पहले से ही परेशान थे 31 को हाईकोर्ट ने जेबीटी के हक में फैसला दे दिया और सरकार नियुक्ति पत्र पर लगी रोक हटा दी। जिससे सभी चयनित को नियुक्ति पत्र मिलने की आशा हुई और शैक्षणिक सत्र 2016-2017 का एफिडेविट बाँड नहीं भरा और नौकरी छोड़ दी। जिन चयनित अध्यापकों का प्राईवेट स्कूलों को पता चल गया तो उन्होंने तक दिया कि आपकी ज्वाइनिंग होने वाली है और आप बाद में बीच में ही स्कूल छोड़े दोगे जिसके बाद उनके स्कूल के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी और उन्हें दूसरे अध्यापक भर्ती करने में उस समय समस्या होगी। इस तरह से करीब 4 हजार अध्यापकों को प्राईवेट नौकरी भी गई। 
31 मार्च 2016 को आया था फैसला, 14 अगस्त 2014 को हुआ था चयन 
जेबीटी अध्यापकों को चयन 14 अगस्त 2014 को हुआ था, जिसके बाद केस चलता रहा और नियुक्ति पत्र पर स्टे रहा, 31 मार्च को हाईकोर्ट ने नव चयनित जेबीटी के पक्ष में फैसला सुनाया और नियुक्ति देने पर लगी रोक को हटा दिया। लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी ज्वाइनिंग नहीं कराई। 
15 से पंचकूला में करेंगे जबरदस्त अनशन 
पात्र एवं चयनित अध्यापकों ने अब निर्णय लिया है कि 15 मई को पंचकूला में एक न्याय पंचायत करेंगे, इसी दौरान यहां पर सरकार के खिलाफ विभिन्न फैसले लिए जाएंगे। इस महापड़ाव में विभिन्न सरकारी संगठनों ने भी नव चयनित जेबीटी का साथ देते हुए महापड़ाव आंदोलन में शामिल होने की घोषणा की है। इस बार यहां पर परिवार व बच्चो सहित जेबीटी आंदोलन में शामिल होंगे। 
पंचकूला महापड़ाव के लिए प्रदेश में डोर-टू-डोर अभियान 
पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले चयनित जेबीटी ने व्हाटसेप, मोबाइल फोन व डोर-टू-डोर चयनित जेबीटी के घर जाकर उनसे किसी भी तरह से संपर्क बनाकर पंचकूला में परिवार सहित होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ताकि सरकार नींद से जागे और बेटियों को उचित शिक्षा दिलाने की बात कहने वाली सरकार बेटियों को उनके हक के मुताबिक उनकों नियुक्त दिलाए। 
"प्रदेश में करीब 4 हजार से ज्यादा प्राईवेट स्कूलों में नौकरी कर अपनी आजीविका चला रहे चयनित अध्यापकों की वह नौकरी भी छूट गई है, कहीं उन्होंने खुद छोड़ दी तो कहीं प्राईवेट स्कूलों ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। भाजपा सरकार नव चयनित जेबीटी के साथ अन्याय कर रही है पहले ही बेकसूर जेबीटी पिछले 20 महीनों में भी ज्वाइनिंग न होने से मानसिक परेशानी झेल रहे हैं। अब चयनित जेबीटी के सब्र का बांध टूट चुका है और 15 मई को पंचकूला में सरकार के खिलाफ ऐसा प्रदर्शन होगा की पूरी भाजपा सरकार हिल जाएगी। पंचकूला से इस बार नियुक्ति पत्र लेकर ही लौटेंगे।"-- नरेंद्र दहिया, पात्र अध्यापक संघ, जिला प्रधान सोनीपत।                                                          

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