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Thursday 19 May 2016

बारहवीं कक्षा में जीरो रिजल्ट देने वाले पांच सरकारी स्कूलों ने गिनाए पांच बहाने

हरियाणा : स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बुधवार को 12वीं के नतीजे घोषित किए। इस बार पिछले साल के मुकाबले रिजल्ट साढ़े 8 फीसदी बेहतर रहा। बावजूद इसके प्रदेश के पांच सरकारी स्कूलों के नतीजा शून्य रहा है। 
पांचों स्कूलों की ओर से पांच 'बहाने' यानी वजह गिनाई गई। इनमें से एक स्कूल तो ऐसा जिसे पहले सेमेस्टर के खराब रिजल्ट की वजह से चेतावनी मिली थी। गोहाना के एक स्कूल संचालकों का तर्क था कि बोर्ड की गलती की वजह से उनके स्कूल का रिजल्ट शून्य दिखाया गया है। 
खेड़ी खातीवास  : यहां प्रिंसिपल ही नहीं 
झज्जर : अक्टूबरमें आए पहले सेमेस्टर के रिजल्ट में भी 12वीं के सभी 11 छात्र फेल थे। उस समय तत्कालीन डीईओ वेदप्रकाश दौलता और झज्जर बीईओ बीरेंद्र सांगवान यहां पहुंचे थे और अध्यापकों को चेतावनी दी थी। स्कूल में नियमित प्रिंसिपल नहीं हैं। पहले सेमेस्टर में खराब रिजल्ट आया था कि तब भी यहां डीडी पावर एक सीनियर टीचर के पास थी। पंचायत कई बार जिला प्रशासन को गुहार कर चुकी है। डीईओ सतबीर सिवाच कहते हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है। स्कूल के सभी जिम्मेदार टीचरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 
मंढोठी स्कूल  : टीचरों की राजनीति हावी 
बहादुरगढ़ : यहां12वीं में पढ़ने वाले तीनों बच्चों फेल हैं। स्कूल में 10वीं से 12वीं तक 178 बच्चे हैं और इनको पढ़ाने के लिए 22 अध्यापकों का स्टाफ है। इसके बावजूद रिजल्ट खराब होने के कारण पर प्रिंसिपल रवि धनखड़ कहते हैं, गांव में शिक्षा का माहौल अच्छा नहीं है। हम स्कूल में अनुशासन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। 10वीं का परिणाम अच्छा आने की संभावना है। वहीं, सरपंच पूजा का कहना है कि गांव में शिक्षा का माहौल तो खराब है ही, स्कूल में टीचरों की राजनीति भी हावी है। इसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। 
कोहला स्कूल : सीसीई के नंबर नहीं जुड़े
गोहाना| : यहां25 बच्चे कला संकाय से हैं। स्कूल प्रशासन का कहना है कि एक विषय के सीसीई (प्रैक्टिकल) के नंबर जुड़ने के कारण ही परीक्षा परिणाम शून्य दिख रहा है। स्कूल में स्टॉफ की भी कमी नहीं है। पिछले साल स्कूल का परीक्षा परिणाम 60 प्रतिशत था। स्कूल के कार्यकारी प्रिंसिपल मेहर सिंह कहते हैं कि सीसीई के नंबर लगाकर बोर्ड के पास भेजे थे। बोर्ड में जाकर इसकी जांच की जाएगी कि नंबर क्यों नहीं दिखा रहा। सरपंच जगदीप कहते हैं स्कूल में स्टाफ की कमी है। 
खुर्दबन स्कूल :  महीना पहले मिले टीचर 
यमुनानगर : सभीआठ बच्चे अंग्रेजी में फेल हो गए। यह स्कूल दो साल पहले ही दसवीं से 12वीं अपग्रेड हुआ। 12वीं का यह पहला बैच था। स्कूल के मिडल हेड अशोक कुमार कहते हैं कि 12वीं के बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी लेक्चरर नहीं है। बार-बार विभाग को लेक्चरर भेजने की मांग की गई। एग्जाम से एक माह पहले विभाग की ओर से अंग्रेजी हिंदी का टीचर दिया गया। 11वीं क्लास में बच्चे बिना टीचर के पढ़े। स्कूल का रिजल्ट खराब होने के पीछे टीचर का होना वजह रही। 
अंग्रेजी का टीचर नहीं था 
पलवल : हथीन के गांव आलीमेव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के प्रिंसिपल जगदीश ने बताया कि 12वीं के सभी छह बच्चों की पहले सेमेस्टर में राजनैतिक शास्त्र में कंपार्टमेंट आई थी। सेकेंड सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम अभी नहीं देखा, हो सकता बच्चों की पहले सेमेस्टर में आई कंपार्टमेंट नहीं टूटी हो, या फिर कोई और भी कारण हो सकता है। उन्होंने कहा की स्कूल में अंग्रेजी का शुरू से ही कोई अध्यापक नहीं है। जिस कारण बच्चों की अंग्रेजी की पढ़ाई भी ठीक प्रकार से नहीं हो पाई थी।                                               db

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