चंडीगढ़ : प्रदेश के मिडिल स्कूलों के हेड मास्टरों को अब वित्तीय शक्तियां हासिल हो गई हैं। इन स्कूलों के हेड मास्टर अब न केवल आहरण-वितरण के फैसले ले सकेंगे, बल्कि शिक्षकों व कर्मचारियों के वित्तीय मामलों का समाधान भी कर सकेंगे।
शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने मिडिल स्कूल हेड मास्टरों को वित्तीय शक्तियां प्रदान की हैं। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश मलिक ने पिछले दिनों वित्तायुक्त एवं महानिदेशक से मिलकर हेड मास्टरों को वित्तीय अधिकार प्रदान किए जाने की मांग की थी। प्रदेश में अभी तक सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल व हाई स्कूलों के हेड मास्टरों के पास मिडिल स्कूलों के शिक्षकों के वित्तीय अधिकार थे। इस कारण मास्टरों तथा कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। जिन मिडिल स्कूलों में हेड मास्टर नहीं हैं, वहां खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी मास्टरों व कर्मचारियों के वित्तीय मामलों का समाधान करेंगे।
शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने मिडिल स्कूल हेड मास्टरों को वित्तीय शक्तियां प्रदान की हैं। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश मलिक ने पिछले दिनों वित्तायुक्त एवं महानिदेशक से मिलकर हेड मास्टरों को वित्तीय अधिकार प्रदान किए जाने की मांग की थी। प्रदेश में अभी तक सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल व हाई स्कूलों के हेड मास्टरों के पास मिडिल स्कूलों के शिक्षकों के वित्तीय अधिकार थे। इस कारण मास्टरों तथा कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। जिन मिडिल स्कूलों में हेड मास्टर नहीं हैं, वहां खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी मास्टरों व कर्मचारियों के वित्तीय मामलों का समाधान करेंगे।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.