शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की बैठक
हुई। यद्यपि 25 नवंबर को रोहतक में हुई शिक्षक आक्रोश रैली के बाद रोहतक
प्रशासन ने मुख्यमंत्री के साथ संघ की बैठक तय की थी परंतु किन्हीं कारणों
से मुख्यमंत्री को जींद जाना पड़ा। इस कारण बैठक का जिम्मा शिक्षा मंत्री
को सौंपा गया। साढ़े 3 घंटे तक चली बैठक में संघ ने मांग पत्र में शामिल
सभी मुद्दों को गंभीरता से शिक्षा मंत्री व अधिकारियों के समक्ष उठाया।
शिक्षा मंत्री के अतिरिक्त इस बैठक में विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन, मौलिक शिक्षा के निदेशक अभय सिंह यादव, बीआर वत्स एवं जिले सिंह शर्मा उपस्थित थे। संघ की ओर से राज्य प्रधान वजीर सिंह, महासचिव सीएन भारती, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, गजे सिंह, सुरजीत सिंह, बलवीर सिंह, महीपाल, मुकेश यादव, महताब सिंह, बलजीत सिंह, सुखदर्शन, सत्यनारायण यादव तथा भूङ्क्षपद्र सिंह ने बैठक में भाग लिया।
बैठक की जानकारी देते हुए महासचिव भारती ने कहा कि शिक्षा मंत्री के साथ यह बैठक लंबे समय बाद और संघर्ष के दबाव में हुई। इस लंबी बैठक का माहौल मिश्रित प्रभाव वाला रहा। कभी काफी गर्मा-गर्मी और कभी सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई। शिक्षा मंत्री ने संघ के कुछ मुद्दों पर सहमति जताई है और कुछ पर निकट भविष्य में रचनात्मक पहल करने का भरोसा दिया व कुछ नीतिगत मुद्दों को मानने से साफ इंकार किया है।
निम्न मुद्दों को माना गया:
संघ के सुझावों को मद्देनजर रखते हुए नई रेशनलाइजेशन नीति बनाई जाएगी, जिसमें नर्सरी के बच्चों को भी वर्कलोड में जोड़ा जाएगा, सभी प्रकार की पदोन्नतियां शीघ्र की जाएंगी। मिडल हैड मास्टर को उच्च विद्यालय मुख्याध्यापक एवं प्राचार्य की भांति केवल 12 पीरियड का ही वर्कलोड दिया जाएगा, इनकी पदोन्नति अतिशीघ्र कौंसिल द्वारा की जाएगी। मिडल हैड को 12 पीरियड का वर्कलोड देने का अर्थ है, 5548 मास्टर, सी. एंड वी. के पद और बचेंगे। मिडल हैड पदोन्नति में अंकों की कोई शर्त नहीं होगी, संघ की मांग अनुसार ये सिर्फ वरिष्ठता के आधार पर होगी।
शिक्षा मंत्री ने अन्तर्जिला तबादला नीति में मेवात के अध्यापकों को शामिल करने, 1/3 अवकाश बहाल करने, सभी प्राथमिक विद्यालयों में स्वीपर कम चौकीदार एसएमसी द्वारा लगाने, विद्यालयों का समय भविष्य में 1 नवम्बर से व इस वर्ष 1 दिसम्बर से 28 फरवरी तक बदलने आदि मांगों को माना। भारती ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सेवा नियमों की समीक्षा के बाद जो संशोधन शैक्षणिक दृष्टि से जरूरी होंगे, उन्हें किया जाएगा।
इसके अलावा तीन मास के अंदर अध्यापकों के लिए सामान्य एवं अंतर-जिला स्थानांतरण नीति बनाकर लागू करने, उच्च विद्यालयों के मुख्याध्यापक व प्राध्यापक आदि के पद पर शीघ्र पदोन्नतियां करने, एसीपी के लिए शक्तियों का विकेंद्रीकरण सरकार से मंजूरी लेकर जिला स्तर पर करने, शीघ्र ही सभी अध्यापकों को बीएलओ ड्यूटियों से मुक्त करने, कोर्ट के निर्णयों के सामान्यीकरण एक-एक मामले की समीक्षा करके किया जाएगा, प्रमुख मामले जो संघ ने उठाए। कला व पीटीआई को 1-1-2006 से एरियर का भुगतान करने, 3 वर्ष की सेवा पर वंङ्क्षचग का लाभ देने, अध्यापकों के अवकाश अन्य कर्मचारियों के समान करने, 2000 में नियुक्त जेबीटी अध्यापकों की पदोन्नति करने बारे, तदर्थ सेवा को अतिरिक्त वेतन वृद्धि व एसीपी में जोडऩे, 18.8.2009 से पहले नियुक्त सभी अध्यापकों को पर्सनल-पे का लाभ देने, अध्यापकों के अवकाश अन्य कर्मचारियों के समान करने, ए.सी.पी. रूल 13 में पे-फिक्सेशन नियमानुसार समस्त राज्य में एक जैसे रूप में करने, सभी प्रकार के बजट जैसे की वेतन, भत्ते, टीए, डीए, एलटीसी, मृत अध्यापकों के आश्रितों को मासिक आर्थिक सहायता आदि शीघ्र उपलब्ध करवाने, एमडीएम में कार्यरत महिलाओं के बढ़े हुए मानदेय का पत्र 1-2 दिन में जारी करने, विभाग में लंबित सभी मामलों का शीघ्र निपटारा करने आदि मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया।
निम्न मुद्दों को मानने से साफ इंकार :
शिक्षा मंत्री ने अतिथि अध्यापकों की सेवा पक्की करना व उनकी वेतन वृद्धि करना, विद्यालयों का समय 6 घंटे करना, अध्यापकों की हाजिरी 15 मिनट पहले न लगवाना, अध्यापकों को आखिरी तिमाही में केवल 25 प्रतिशत ही छुट्टी के बंधन से छूट, प्राध्यापक पदोन्नति में उसी विषय के अनुबंध की शर्त को हटाना, कम्प्यूटर शिक्षक के नियमित पद सृजित करना, वेतन विसंगतियां दूर करने व डीएड के छात्रों की 180 दिन की इंटरशिप रद्द करने आदि मांगों को मानने से स्पष्ट इंकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि फिलहाल अध्यापक संघ सांझे मुद्दों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ द्वारा घोषित आंदोलन 29 नवंबर, 5 व 12 दिसम्बर को जेल भरो में शामिल रहेगा। इसके अलावा 20 दिसम्बर को संसद कूच में भाग लेगा व 20-21 फरवरी 2013 की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होगा और यदि उपरोक्त मुद्दों, आश्वासनों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो रैली में घोषित कार्यक्रम अनुसार 27 जनवरी 2013 से रोहतक में क्रमिक अनशन शुरू करेगा व क्रमिक अनशन के दौरान ही समस्त राज्य में शहर-शहर, गांव-गांव, गली-गली में संपर्क अभियान भी चलाएगा।
शिक्षा मंत्री के अतिरिक्त इस बैठक में विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन, मौलिक शिक्षा के निदेशक अभय सिंह यादव, बीआर वत्स एवं जिले सिंह शर्मा उपस्थित थे। संघ की ओर से राज्य प्रधान वजीर सिंह, महासचिव सीएन भारती, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, गजे सिंह, सुरजीत सिंह, बलवीर सिंह, महीपाल, मुकेश यादव, महताब सिंह, बलजीत सिंह, सुखदर्शन, सत्यनारायण यादव तथा भूङ्क्षपद्र सिंह ने बैठक में भाग लिया।
बैठक की जानकारी देते हुए महासचिव भारती ने कहा कि शिक्षा मंत्री के साथ यह बैठक लंबे समय बाद और संघर्ष के दबाव में हुई। इस लंबी बैठक का माहौल मिश्रित प्रभाव वाला रहा। कभी काफी गर्मा-गर्मी और कभी सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई। शिक्षा मंत्री ने संघ के कुछ मुद्दों पर सहमति जताई है और कुछ पर निकट भविष्य में रचनात्मक पहल करने का भरोसा दिया व कुछ नीतिगत मुद्दों को मानने से साफ इंकार किया है।
निम्न मुद्दों को माना गया:
संघ के सुझावों को मद्देनजर रखते हुए नई रेशनलाइजेशन नीति बनाई जाएगी, जिसमें नर्सरी के बच्चों को भी वर्कलोड में जोड़ा जाएगा, सभी प्रकार की पदोन्नतियां शीघ्र की जाएंगी। मिडल हैड मास्टर को उच्च विद्यालय मुख्याध्यापक एवं प्राचार्य की भांति केवल 12 पीरियड का ही वर्कलोड दिया जाएगा, इनकी पदोन्नति अतिशीघ्र कौंसिल द्वारा की जाएगी। मिडल हैड को 12 पीरियड का वर्कलोड देने का अर्थ है, 5548 मास्टर, सी. एंड वी. के पद और बचेंगे। मिडल हैड पदोन्नति में अंकों की कोई शर्त नहीं होगी, संघ की मांग अनुसार ये सिर्फ वरिष्ठता के आधार पर होगी।
शिक्षा मंत्री ने अन्तर्जिला तबादला नीति में मेवात के अध्यापकों को शामिल करने, 1/3 अवकाश बहाल करने, सभी प्राथमिक विद्यालयों में स्वीपर कम चौकीदार एसएमसी द्वारा लगाने, विद्यालयों का समय भविष्य में 1 नवम्बर से व इस वर्ष 1 दिसम्बर से 28 फरवरी तक बदलने आदि मांगों को माना। भारती ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सेवा नियमों की समीक्षा के बाद जो संशोधन शैक्षणिक दृष्टि से जरूरी होंगे, उन्हें किया जाएगा।
इसके अलावा तीन मास के अंदर अध्यापकों के लिए सामान्य एवं अंतर-जिला स्थानांतरण नीति बनाकर लागू करने, उच्च विद्यालयों के मुख्याध्यापक व प्राध्यापक आदि के पद पर शीघ्र पदोन्नतियां करने, एसीपी के लिए शक्तियों का विकेंद्रीकरण सरकार से मंजूरी लेकर जिला स्तर पर करने, शीघ्र ही सभी अध्यापकों को बीएलओ ड्यूटियों से मुक्त करने, कोर्ट के निर्णयों के सामान्यीकरण एक-एक मामले की समीक्षा करके किया जाएगा, प्रमुख मामले जो संघ ने उठाए। कला व पीटीआई को 1-1-2006 से एरियर का भुगतान करने, 3 वर्ष की सेवा पर वंङ्क्षचग का लाभ देने, अध्यापकों के अवकाश अन्य कर्मचारियों के समान करने, 2000 में नियुक्त जेबीटी अध्यापकों की पदोन्नति करने बारे, तदर्थ सेवा को अतिरिक्त वेतन वृद्धि व एसीपी में जोडऩे, 18.8.2009 से पहले नियुक्त सभी अध्यापकों को पर्सनल-पे का लाभ देने, अध्यापकों के अवकाश अन्य कर्मचारियों के समान करने, ए.सी.पी. रूल 13 में पे-फिक्सेशन नियमानुसार समस्त राज्य में एक जैसे रूप में करने, सभी प्रकार के बजट जैसे की वेतन, भत्ते, टीए, डीए, एलटीसी, मृत अध्यापकों के आश्रितों को मासिक आर्थिक सहायता आदि शीघ्र उपलब्ध करवाने, एमडीएम में कार्यरत महिलाओं के बढ़े हुए मानदेय का पत्र 1-2 दिन में जारी करने, विभाग में लंबित सभी मामलों का शीघ्र निपटारा करने आदि मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया।
निम्न मुद्दों को मानने से साफ इंकार :
शिक्षा मंत्री ने अतिथि अध्यापकों की सेवा पक्की करना व उनकी वेतन वृद्धि करना, विद्यालयों का समय 6 घंटे करना, अध्यापकों की हाजिरी 15 मिनट पहले न लगवाना, अध्यापकों को आखिरी तिमाही में केवल 25 प्रतिशत ही छुट्टी के बंधन से छूट, प्राध्यापक पदोन्नति में उसी विषय के अनुबंध की शर्त को हटाना, कम्प्यूटर शिक्षक के नियमित पद सृजित करना, वेतन विसंगतियां दूर करने व डीएड के छात्रों की 180 दिन की इंटरशिप रद्द करने आदि मांगों को मानने से स्पष्ट इंकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि फिलहाल अध्यापक संघ सांझे मुद्दों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ द्वारा घोषित आंदोलन 29 नवंबर, 5 व 12 दिसम्बर को जेल भरो में शामिल रहेगा। इसके अलावा 20 दिसम्बर को संसद कूच में भाग लेगा व 20-21 फरवरी 2013 की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होगा और यदि उपरोक्त मुद्दों, आश्वासनों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो रैली में घोषित कार्यक्रम अनुसार 27 जनवरी 2013 से रोहतक में क्रमिक अनशन शुरू करेगा व क्रमिक अनशन के दौरान ही समस्त राज्य में शहर-शहर, गांव-गांव, गली-गली में संपर्क अभियान भी चलाएगा।
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