शिक्षा विभाग की अव्यावहारिक नीतियों से तंग आए प्रदेश के 15 हजार शिक्षकों ने रविवार को रोहतक में जबर्दस्त प्रदर्शन किया। इस 'आक्रोश रैली' में प्रदर्शनकारियों ने हुड्डा सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। इस प्रदर्शन के चलते रोहतक जिला प्रशासन की सांसें दिनभर अटकी रहीं। आला अधिकारियों से बात करने के बाद एसडीएम जगदीश शर्मा ने शिक्षक नेताओं को 27 नवंबर को उनकी चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कराने का भरोसा दिया। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वजीर सिंह ने कहा कि उन्हें इस बैठक से कोई उम्मीद नहीं है और वह 20 दिसंबर को दिल्ली में संसद पर प्रदर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
शिक्षक नेताओं ने मंच पर पहुंचे अफसरों को नहीं सौंपा ज्ञापन
दोपहर 3.45 बजे एसडीएम जगदीश शर्मा और तहसीलदार प्रमोद चहल पुलिस अफसरों के साथ ज्ञापन लेने मंच पर पहुंचे तो शिक्षक नेताओं ने ज्ञापन देने से मना कर दिया। वह बोले, 'हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा विभाग की आयुक्त और प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कब होगी, इसकी घोषणा की जाए' इसके बाद एसडीएम जगदीश शर्मा ने आला अफसरों से संपर्क साधा और करीब डेढ़ घंटे की ऊहापोह के बाद शाम 5.20 बजे बताया कि उनकी मुख्यमंत्री के साथ बैठक 27 नवंबर को होगी। इसके बाद ही प्रदर्शनकारी शांत हुए।
आठ माह में कर चुके हैं पांच बार प्रदर्शन
> 28 अप्रैल २०१२ को सरकार के नए सेवा नियमों के विरुद्ध रोहतक में प्रदेशस्तरीय प्रदर्शन किया।
> 29 मई को झज्जर में शिक्षामंत्री के निवास के बाहर रैली की।
> 11 सितंबर को 21 जिलों से मांगपत्र जमाकर सीएम व शिक्षामंत्री को सौंपे।
> 13 अक्टूबर को पंचकूला में शिक्षा सदन का घेराव।
> 25 नवंबर को सरकार की नीतियों के विरुद्ध रोहतक में आक्रोश रैली।
ये हैं प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें
> रेशनेलाइजेशन नीति में संशोधन कर प्राथमिक कक्षा में 30, मिडिल में 35 और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में 40 बच्चों का सेक्शन बने।
> स्कूलों में प्राचार्य के 600, मुख्याध्यापक के 1400 और प्राध्यापकों के खाली पड़े 7500 पद पदोन्नति देकर भरे जाएं।
> अनुबंधित अध्यापकों, कंप्यूटर शिक्षकों और लैब सहायकों को नियमित किया जाए।
> अंतर जिला स्थानांतरण नीति में मेवात समेत सभी जिला कॉडर के शिक्षकों को शामिल किया जाए।
> हर कक्षा/सेक्शन के लिए अलग अध्यापक दिए जाएं।
> जेबीटी कोर्स में से इंटर्नशिप खत्म की जाए।
> शिक्षकों की छुट्टियां अन्य कर्मचारियों के बराबर हों।
> साल 2000 में लगे जेबीटी शिक्षकों को प्रमोट किया जाए।
> प्रमोशन का कोटा न्यूनतम 50 फीसदी रखा जाए।
> सरकारी स्कूलों का समय 9 बजे से 3 बजे तक हो।
प्रशासन ने दिया 27 को सीएम के साथ बैठक कराने का भरोसा
20 दिसंबर को संसद पर भरेंगे हुंकार
शिक्षक नेताओं ने मंच पर पहुंचे अफसरों को नहीं सौंपा ज्ञापन
दोपहर 3.45 बजे एसडीएम जगदीश शर्मा और तहसीलदार प्रमोद चहल पुलिस अफसरों के साथ ज्ञापन लेने मंच पर पहुंचे तो शिक्षक नेताओं ने ज्ञापन देने से मना कर दिया। वह बोले, 'हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा विभाग की आयुक्त और प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कब होगी, इसकी घोषणा की जाए' इसके बाद एसडीएम जगदीश शर्मा ने आला अफसरों से संपर्क साधा और करीब डेढ़ घंटे की ऊहापोह के बाद शाम 5.20 बजे बताया कि उनकी मुख्यमंत्री के साथ बैठक 27 नवंबर को होगी। इसके बाद ही प्रदर्शनकारी शांत हुए।
आठ माह में कर चुके हैं पांच बार प्रदर्शन
> 28 अप्रैल २०१२ को सरकार के नए सेवा नियमों के विरुद्ध रोहतक में प्रदेशस्तरीय प्रदर्शन किया।
> 29 मई को झज्जर में शिक्षामंत्री के निवास के बाहर रैली की।
> 11 सितंबर को 21 जिलों से मांगपत्र जमाकर सीएम व शिक्षामंत्री को सौंपे।
> 13 अक्टूबर को पंचकूला में शिक्षा सदन का घेराव।
> 25 नवंबर को सरकार की नीतियों के विरुद्ध रोहतक में आक्रोश रैली।
ये हैं प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें
> रेशनेलाइजेशन नीति में संशोधन कर प्राथमिक कक्षा में 30, मिडिल में 35 और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में 40 बच्चों का सेक्शन बने।
> स्कूलों में प्राचार्य के 600, मुख्याध्यापक के 1400 और प्राध्यापकों के खाली पड़े 7500 पद पदोन्नति देकर भरे जाएं।
> अनुबंधित अध्यापकों, कंप्यूटर शिक्षकों और लैब सहायकों को नियमित किया जाए।
> अंतर जिला स्थानांतरण नीति में मेवात समेत सभी जिला कॉडर के शिक्षकों को शामिल किया जाए।
> हर कक्षा/सेक्शन के लिए अलग अध्यापक दिए जाएं।
> जेबीटी कोर्स में से इंटर्नशिप खत्म की जाए।
> शिक्षकों की छुट्टियां अन्य कर्मचारियों के बराबर हों।
> साल 2000 में लगे जेबीटी शिक्षकों को प्रमोट किया जाए।
> प्रमोशन का कोटा न्यूनतम 50 फीसदी रखा जाए।
> सरकारी स्कूलों का समय 9 बजे से 3 बजे तक हो।
प्रशासन ने दिया 27 को सीएम के साथ बैठक कराने का भरोसा
20 दिसंबर को संसद पर भरेंगे हुंकार
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