रवि हसिजा, जींद, Kaithal Jagran City, 16.11.12
सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यो और मुख्याध्यापकों ने उनसे भवन निर्माण, मरम्मत और रखरखाव का कार्य कराए जाने के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घिमाणा के प्राचार्य रमेश चंद्र मलिक व राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बेलरखां के प्राचार्य रघुभूषण लाल गुप्ता व अन्य की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति एजी मसीज ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके इस विषय में 16 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी।
अधिवक्ता रामनिवास शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में प्रधानाचार्यो व मुख्याध्यापकों से स्कूल भवन निर्माण, मरम्मत और रख-रखाव का कार्य कराए जाने को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 व सेवा नियमों का उल्लंघन बताते हुए उनसे प्रत्यक्ष या परोक्ष, किसी भी रूप में यह कार्य न कराए जाने का आदेश जारी करने की गुहार लगाई गई है। उन्हें सौंपा गया यह कार्य वापस लिया जाना चाहिए, क्योंकि इस काम में लगे रहने की वजह से अध्यापन और निरीक्षण की जिम्मेदारी नहीं निभा पाते, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हरियाणा राजकीय स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गठित प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि स्कूलों में निर्माण कार्य पीडब्ल्यूबीएंडआर द्वारा कराया जाना चाहिए या इस कार्य को करने के लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय में एक अलग निर्माण शाखा होनी चाहिए या फिर यह कार्य स्थानीय समितियों को भी सौंपा जा सकता है।
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