हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाने के लिए प्रदेशभर में 24 मार्च को मनाए गए 'प्रवेश उत्सव' की रिपोर्ट से नाखुश शिक्षा विभाग की फाइनेंस कमिश्नर सुरीना राजन ने बुधवार को कई जिला शिक्षा अधिकारियों को जमकर झाड़ा। अब इसी मुद्दे पर 19 अप्रैल को दोबारा रिव्यू मीटिंग बुलाई गई है।
राजन ने बुधवार को यहां स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में बैठक कर प्रवेश उत्सव की समीक्षा की। इस मीटिंग में सभी 21 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना अधिकारी शामिल थे। इस दौरान किस जिले में कितने बच्चों के दाखिले हुए, इसके आंकड़े भी रखे गए। बैठक में राजन ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) लागू होने के बाद प्रवेश उत्सव का मकसद हर बच्चे को स्कूल पहुंचाना था।
उन्होंने कहा कि जिलास्तर पर तैनात अफसर प्रवेश संख्या पर ध्यान दें और दाखिला लेने वाले बच्चों की फर्जी संख्या तैयार न करें। स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनों के खराब रहने पर राजन ने कहा कि बिजली नहीं होने के कारण ये मशीनें काम नहीं कर रहीं। स्कूलों में पर्याप्त सप्लाई देने के लिए बिजली निगमों से कहा गया है कि वह स्कूलों को कृषि की जगह घरेलू फीडर से सप्लाई दे।
45 दिन का स्पेशल प्रशिक्षण: मीटिंग में मौजूद निदेशक (प्राथमिक शिखा) डी सुरेश ने कहा कि इस बार से स्कूलों में 45 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका मॉड्यूल तैयार करने की जिम्मेदारी एससीईआरटी को दी गई थी। जल्द ही यह स्कूलों में पहुंच जाएंगे।
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