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Friday, 12 April 2013

सिरदर्द बन गया 2189 कॉपियों का मूल्यांकन


महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के बहुचर्चित उत्तर पुस्तिका घोटाले में खुली छत से बरामद 2189 उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का मामला विवि प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है। धर्मसंकट में फंसे विवि प्रशासन ने इसके लिए कानूनी राय लेकर पुलिस प्रशासन को पत्र लिखने की तैयारी की है ताकि इन कॉपियों का मूल्यांकन कराकर परिणाम घोषित किया जा सके। इसके लिए विवि को ये उत्तर पुस्तिकाएं कब्जे में लेनी होंगी।
पुलिस के शीर्ष अधिकारियों द्वारा मामले की तह तक जाने के लिए गठित विशेष जांच दल अभी तक इस मामले का खुलासा नहीं कर पाया है। पुलिस जांच में खुलासा नहीं होने पर अब विवि को परिणाम में देरी होने की बदनामी का डर सताने लगा है। सूत्रों के अनुसार परीक्षा नियंत्रक डॉ. बलजीत सिंधु ने कुलपति डॉ. आरपी हुड्डा से इन उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कराने की इजाजत मांगी। इस पर मंथन करते हुए कुलपति ने निर्देश जारी किए कि पहले कानूनी राय ली जाए। इसके बाद पुलिस को पत्र लिखकर उत्तर पुस्तिकाएं लें और छात्रों का परिणाम घोषित करें। अब विवि की परीक्षा शाखा ने कानूनी राय लेने की तैयारी कर ली है। इसी सप्ताह पुलिस को पत्र भी लिख दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विवि के प्रशासनिक भवन की छत्त और गैलरी से बरामद की गई विभिन्न विषयों की 2189 पुस्तिकाएं अर्बन थाना पुलिस के कब्जे में है। कानून विशेषज्ञों की मानें तो विवि सीधे पुलिस को पत्र लिखकर उत्तर पुस्तिकाएं हासिल नहीं कर सकता। मामला जांच से जुड़ा होने के कारण पुलिस भी सीधे तौर पर विवि को पुस्तिकाएं नहीं सौंप सकतीं। विवि या किसी प्रभावित छात्र द्वारा अदालत के माध्यम से ही इन्हें हासिल किया जा सकता है।
                        ..DB

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