प्रदेश में दूरस्थ शिक्षा के सभी क्षेत्रीय केंद्रों को बंद करने के फैसले से प्रभावित हुए करीब एक लाख विद्यार्थियों को राहत देने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए शिक्षा विभाग के आलाधिकारी दूरस्थ शिक्षा शुरू करने के विकल्प ढूंढऩे में जुट गए हैं। संकेत मिले हैं, सरकार नए शैक्षणिक सत्र तक कुछ रास्ता निकाल सकती है।
सूत्रों की मानें तो लगातार शिकायतों पर सरकार प्राइवेट अध्ययन केंद्रों को दूरस्थ शिक्षा का अधिकार देने के हक में नहीं है, लेकिन नियमित पढ़ाई नहीं करने में मजबूर विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों में दूरस्थ शिक्षा अध्ययन केंद्र चालू किए जा सकते हैं। शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों की मंशा है कि दूरस्थ शिक्षा विवि में शुरू किए जाने पर विवि का सीधा नियंंत्रण रहेगा और ऐसे विद्यार्थी विवि के शिक्षाविदों की देखरेख में बेहतर पढ़ाई कर पाएंगे। इस मुद्दे को लेकर बीते सप्ताह बजट के मुद्दे पर चंडीगढ़ गए एमडीयू के अधिकारियों की शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों के साथ चर्चा हुई है। सरकार पूरी गंभीरता से अमल करेगी तो आगामी शैक्षणिक सत्र में इसे हरी झंडी मिलने के आसार बन जाएंगे।
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