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Tuesday, 16 April 2013

क्लस्टर स्तर पर शिक्षकों की गुणवत्ता जांची जाएगी


** कुरुक्षेत्र में शिक्षा विभाग की 'कक्षा तत्परता कार्यक्रम' के तहत वर्कशाप

 कुरुक्षेत्र. केयू के ऑडिटोरियम में सर्व शिक्षा अभियान की ओर से आयोजित वर्कशाप में उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करती शिक्षा विभाग की अतिरिक्त प्रधान सचिव सुरीना राजन।
शिक्षा विभाग की अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं वित्तायुक्त सुरीना राजन ने कहा कि प्रदेश में कलस्टर स्तर पर शिक्षा, सांस्कृतिक व अन्य गतिविधियों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को विशेष सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इसमें शिक्षकों को सम्मानित करेंगे। इसके लिए शिक्षकों और स्कूल के मुखिया को कक्षा तत्परता कार्यक्रम के तहत बच्चों के मानसिक, बौद्धिक शैक्षणिक और नैतिक विकास के लिए श्रेष्ठ कार्य करना होगा। वे सोमवार को स्कूल शिक्षा विभाग व स्कूल शिक्षा परिषद परियोजना की तरफ से आयोजित वर्कशॉप में बोल रही थीं। वर्कशाप मंडल स्तर पर कक्षा तत्परता कार्यक्रम प्रशिक्षण व स्कूल सुपरविजन के तहत आयोजित की गई। 
इससे पहले अतिरिक्त प्रधान सचिव सुरीना राजन एलीमेंट्री एजुकेशन के महानिदेशक डॉ. डी सुरेश, माध्यमिक विद्यालय के निदेशक विकास यादव, एडीसी डॉ. यश गर्ग ने वर्कशाप का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि बच्चों में शिक्षा के स्तर को सुधारने और डायलॉग्स की परम्परा को उभारने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से मंडल स्तर पर तत्परता कार्यक्रम किया जा रहा है। वहीं राजन ने कहा कि बाबैन को मॉडर्न ब्लॉक बनाने के तहत एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम किया गया। कुछ दिन पूर्व शिक्षा विभाग की एक कमेटी ने ब्लॉक के कई स्कूलों का दौरा किया। इसमें से केवल एक स्कूल को छोड़कर बाकी सभी स्कूलों की हालत सही नहीं पाई गई। 
विद्यालयों में इस कार्यक्रम के तथ्यों को लागू और प्रभावशाली बनाया जाना ही सरकार का मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सात हजार करोड़ का सालाना बजट शिक्षा के लिए ही तय किया है। सरकार शिक्षकों को सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर दे रही है।

मुखिया अडॉप्ट करेंगे निचले स्तर के स्कूलों को :
अतिरिक्त प्रधान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक नई योजना तैयार की है। इस योजना के तहत अब मिडल स्कूल के मुखिया प्राइमरी स्कूलों, हाई स्कूल या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के मुखिया मिडल स्कूलों को अडॉप्ट करेंगे। ये स्कूल के मुखिया अडॉप्ट किए गए स्कूलों की शैक्षणिक, प्रशासनिक, सांस्कृतिक व अन्य गतिविधियों पर फोक्स करेंगे ताकि अच्छे परिणाम सामने आ सकें। स्कूल के मुखिया ही अपने अनुसार अडाप्ट किए गए स्कूलों में अच्छे शिक्षकों से काम लेंगे। पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए मोड्यूल तैयार करेंगे और स्वयं योजनाबद्ध तरीके से अच्छे परिणाम लाने का प्रयास करेंगे। एक या दो दिन में इस योजना की गाइडलाइंस सभी मुखियाओं के पास भिजवा दी जाएगी।      ..DB

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