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Friday, 12 April 2013

20 हजार शिक्षकों की भर्ती के रिजल्ट पर रोक


** याचिका में स्कूल टीचर्स सिलेक्शन बोर्ड के गठन पर सवाल, खारिज करने की मांग

** करीबी लोगों को बोर्ड में नियुक्त करने का आरोप

हरियाणा स्कूल टीचर्स सिलेक्शन बोर्ड की ओर से की जा रही 20 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के परिणाम पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने वीरवार को रोक लगा दी है। 
जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस ऋतु बाहरी की खंडपीठ ने कहा कि मामला 20 हजार लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। यदि परिणाम घोषित किया गया तो बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे। लिहाजा मामले के विचाराधीन इन नियुक्तियों के परिणाम घोषित न किए जाएं। याचिका में मांग की गई है कि नियुक्तियों में पारदर्शिता के लिए जरूरी होगा कि बोर्ड को खारिज कर हरियाणा लोक सेवा आयोग के जरिए उक्त भर्तियां कराई जाएं।
सही चयन की उम्मीद नहीं की जा सकती: याचिकाकर्ता
याचिका में बोर्ड के चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति करने वाले पैनल पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि नियुक्ति करने वालों में हरियाणा की उस समय मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी शामिल हैं। इन्हें बाद में राज्य सूचना आयुक्त बनाया गया। यह नियुक्ति खारिज करने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसके अलावा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव व कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डीपीएस संधू शामिल रहे जो मुख्यमंत्री के सहपाठी हैं। ऐसे में सही चयन की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
करीबी लोगों को बोर्ड में नियुक्त करने का आरोप:
पिंजौर निवासी विजय कुमार बंसल ने एक याचिका दायर कर सिलेक्शन बोर्ड को खारिज करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि बोर्ड का गठन अनुचित ढंग से किया गया है। ऐसे में बोर्ड द्वारा किए जाने वाले सभी सिलेक्शन पर रोक लगाई जाए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि बोर्ड के चेयरमैन नंद लाल पूनियां मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी रिश्तेदार हैं। बोर्ड सदस्य जगदीश प्रसाद मुख्य संसदीय सचिव राव दान सिंह के भाई हैं। एक अन्य सदस्य त्रिभुवन प्रसाद बोस मुख्यमंत्री के बेटे के शिक्षक रहे हैं।
रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का मनमाना फैसला:
याचिका में कहा गया कि चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर बोर्ड के चेयरमैन व सदस्यों की रिटायरमेंट आयु को 72 वर्ष कर दिया गया। हाईकोर्ट ने इस मामले में पहले भी कहा था कि रिटायरमेंट आयु 60 से बढ़ाकर 70 और फिर आगे 72 किए जाने का कोई कारण नहीं दिया गया। ऐसे में यह मनमाना फैसला है।         ..DB

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