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Wednesday 2 October 2013

प्रदेश में अटकी है 30 हजार सरकारी शिक्षकों की भर्ती

** 20 हजार पदों के रिजल्ट रुके 
चंडीगढ़/पानीपत : प्रदेश में शिक्षकों की 30 हजार से ज्यादा भर्ती अटकी हुई है। कोर्ट के फैसलों से राज्य सरकार के साथ-साथ भर्ती करने वाली संस्थाओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। मोटे तौर पर अभी तक यही उभर कर सामने आ रहा है कि भर्ती होने वाले ज्यादातर लोग या तो सिफारिशी हैं या फिर पैसे देकर लगे हैं। इनके लिए न केवल नियमों को दरकिनार किया गया बल्कि प्रक्रियात्मक शॉर्टकट भी अपनाया गया। हाल ही में 1983 पीटीआई की भर्ती रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने इन बातों की पुष्टि कर दी। सरकार की इन्हीं नीतियों के कारण राज्य में शिक्षा का बंटाधार हो रहा है और पिछले तीन साल से 10वीं और 12वीं का रिजल्ट गिरता जा रहा है। हालात यह हैं कि अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) पास कर चुके उम्मीदवारों का भी भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। 
तीन साल से गिर रहा है रिजल्ट 
वर्ष      10वीं कक्षा   12वीं कक्षा 
2011     68.03         72.85 
2012     65.39         67.82 
2013     50.79         59.31 
खाली पदों की संख्या बढ़ रही है : भुक्कल 
शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का कहना है कि उनके पास भर्ती बोर्ड से जो सूची आती है, उसी के अनुसार नियुक्तियां दी जाती हैं। इसमें विभाग का सीधा दखल नहीं होता है। हाईकोर्ट के आदेश पर किसी तरह की टिप्पणी करना उचित नहीं है। लेकिन यह सही है कि शिक्षकों की कमी बढ़ती जा रही है। नए स्कूल खोल रहे हैं। कुछ लोग रिटायर भी हो रहे हैं। इससे निबटने का हमने रास्ता यही निकाला है कि अब रिटायर टीचरों को स्कूलों में पढ़ाने के लिए तैयार कर रहे हैं। गेस्ट टीचरों का भी विवाद चल रहा है,इसलिए गेस्ट टीचर्स भर्ती नहीं करेंगे। 
पहले हम वर्कलोड कम होने पर शिक्षकों को बीच सत्र में ही रिटायर कर देते थे, अब उन्हें बीच सत्र में रिटायर नहीं करेंगे। टीचर्स की लगभग सभी भर्तियां विवाद में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सही है कि भर्ती में पारदर्शिता रहनी चाहिए। सरकार पारदर्शिता रखती भी है। परंतु भर्ती प्रक्रिया पर भविष्य में सवाल न उठें, इस बारे में मैं सीएम से बात करूंगी। 
हद तो यह है कि जिस बोर्ड के जरिये शिक्षकों की भर्ती होनी है, वह शुरू से विवादों में हैं। हरियाणा टीचर भर्ती बोर्ड के गठन को भी पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा चुकी है। इस मामले पर अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा हुआ है। अब तक भर्ती का काम हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग करता रहा है। पीटीआई की भर्ती इसी आयोग ने की थी।
शिक्षा का बंटाधार तो होगा ही : 
कई मामले हाईकोर्ट में लंबित, भर्ती करने के सिस्टम पर उठे सवाल, बेरोजगारों के साथ लगातार हो रहा मजाक 
तीन साल पहले लगे 8600 जेबीटी का भविष्य अंधेरे में 
मौजूदा हुड्डा सरकार ने वर्ष 2010 में कर्मचारी चयन आयोग के जरिये 8600 जेबीटी शिक्षक भर्ती किए थे। यह सभी शिक्षक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं लेकिन सिलेक्ट न होने वाले आवेदक हाईकोर्ट चले गए। उनका आरोप था कि शिक्षक लगने वाले कई लोगों ने फर्जी परीक्षार्थियों को बैठाकर एचटेट पास किया था। 
गड़बड़ क्या: 
जेबीटी के लिए अनिवार्य एचटेट में बैठे सभी परीक्षार्थियों के हाईकोर्ट के आदेश पर फिंगर प्रिंट की जांच करवाई गई। इसमें 5600 फिंगर प्रिंट में से 3300 के फिंगर प्रिंट मिसमैच पाए गए। 
ताजा स्थिति क्या: 
फिलहाल यह मामला हाईकोर्ट में है। अभी फिंगर प्रिंट का मिलान चल रहा है। 
900 ड्राइंग टीचर भी संदेह में 
प्रदेश में 900 ड्राइंग टीचरों की भर्ती कर्मचारी चयन आयोग के जरिए की गई थी। इन्हें नियुक्ति भी दे दी गई लेकिन बाद में इनकी भर्ती पर विवाद हो गया। 
गड़बड़ क्या: 
इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों पर संदेह है। आरोप है कि कई उम्मीदवारों ने तो ड्राइंग टीचर के फर्जी प्रमाणपत्र देकर नौकरी ली है। साथ ही इंटरव्यू में चहेतों के नंबर बढ़ाए गए। 
ताजा स्थिति क्या : 
यह मामला फिलहाल कोर्ट में लंबित है। 
टीचर भर्ती बोर्ड पर भी विवाद 
सरकार ने अध्यापकों के 20 हजार खाली पद भरने के लिए स्कूल टीचर सलेकशन बोर्ड के जरिये भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। 
गड़बड़ क्या: 
कर्मचारी चयन आयोग से भर्ती में देरी की बात कहते हुए सरकार ने स्कूल टीचर सलेक्शन बोर्ड बनाया था। बोर्ड में राजनीतिक आधार पर नियुक्तियां करने का आरोप लगाते हुए इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। 
ताजा स्थिति क्या : 
यह मामला फिलहाल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने भर्ती का फाइनल रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा रखी है।   db




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