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Thursday 26 June 2014

अब 12वीं के बाद सीधे कर सकेंगे चार साल का बीएड

** एमडीयू ने बनाई रूपरेखा, एकेडमिक काउंसिल की बैठक के एजेंडे में किया शामिल
रोहतक : प्रदेश में अब तक जिन बच्चों का लक्ष्य शिक्षक बनना है, उन्हें अब कहीं भटकने की जरूरत नहीं। अब उनकी उम्मीदें 12वीं कक्षा के बाद ही पूरी हो जाएगी। वो सीधे चार वर्षीय बीएड के समेकित (इंटीग्रेटेड) कोर्स पूरा कर बीएड की डिग्री हासिल कर सकेंगे। शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए यह रास्ता एमडीयू ने तैयार किया है। 
फिलहाल नया शुरू होने वाला 4 वर्षीय बीएड समेकित कोर्स एमडीयू कैंपस में ही चलाया जाएगा। प्रदेश के स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए एमडीयू में अब प्रोफेशनल शिक्षक तैयार किए जा सकेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से 4 वर्षीय समेकित बीएड कोर्स शुरू करने की योजना तैयार कर ली गई है। 12वीं के बाद किए जा सकने वाले इस कोर्स को लेकर हर किसी की नजर 4 जुलाई को होने वाली एकेडमिक काउंसिल (एसी) की बैठक पर टिकी हुई है। 
योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस एजेंडे को प्रमुखता से शामिल किया गया है। बैठक में मंथन के बाद ही इस मुद्दे पर मुहर लगाई जा सकेगी। इस कोर्स को शुरू करने का कारण शिक्षण में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों का रुझान बढ़ाना रहेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में युवाओं में बीएड करने को लेकर जबरदस्त उत्साह रहता है। रोहतक में ही 15 से ज्यादा कॉलेजों में चार हजार से ज्यादा विद्यार्थी बीएड की पढ़ाई कर रहे हैं। 
शुरू से ही बनेगा कैरियर 
विवि में 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में 8 सेमेस्टर होंगे, ताकि विद्यार्थी 12वीं के इंजीनियरिंग और मेडिकल की तरह शिक्षण के क्षेत्र में भी शुरू से अपना कैरियर बनाने के लिए तैयार रहें। 
फिलहाल स्थिति ये है कि युवा बीएड और एमएड तभी करते हैं, जब उन्हें अन्य क्षेत्र में नौकरी नहीं मिलती। युवा जब शुरू से शिक्षण में अपना कैरियर बनाएंगे तो उनके ज्ञान का स्तर भी अच्छा होगा। 
ये रहेगी योग्यता 
बारहवीं पास कर सामान्य वर्ग में 50 फीसदी माक्र्स और प्रदेश के एससी एसटी के लिए 45 फीसदी मार्क्स वालों को इस बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स में दाखिला दिया जाएगा। इसमें भी उन्हीं विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा, जो शैक्षिक स्तर पर मेरिट में आएंगे। 
आ रही दिक्कतें 
अभी बीएड और एमएड के एक वर्षीय पाठ्यक्रम होने के कारण विद्यार्थियों शिक्षण के गुर ठीक से सीख नहीं पा रहे हैं। बस डिग्रीधारी शिक्षकों की फौज खड़ी हो रही है। इससे स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय को अच्छे शिक्षक नहीं मिल रहे। इस बात को ध्यान में रखते हुए बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किया जाने की योजना है।                       db


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