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Thursday 26 June 2014

सोशल मीडिया पर सक्रिय होंगे 'गुरु जी'

** बदलाव : सरकारी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का एक और प्रयास
रोहतक : युवाओं की धड़कन बन चुके सोशल मीडिया पर अब शिक्षा विभाग भी सक्रिय होने जा रहा है। विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विभाग की तरफ से उठाए जाने वाले हर कारगर कदम को जिले के शिक्षकों तक पहुंचाने के लिए 'क्यूआईपी दर्पण रोहतक-रोहतक' नाम से एकाउंट खोला गया है। इसमें जिले के प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेण्डरी तक के विद्यालय जोड़े जाएंगे। वहीं, जिन विद्यालयों के अभी तक फेसबुक एकाउंट नहीं बने हैं उनका एकाउंट बनाने के लिए प्राचार्यों से कहा गया है। यह सब जिले की सरकारी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया जा रहा है। 
फेसबुक पर ही मिलेगा समस्या का समाधान 
क्यूआईपी दर्पण रोहतक-रोहतक के इंचार्ज ट्रेनर होंगे। उनके द्वारा हर दिन फेसबुक पर आने वाले सवालों को देखकर 24 घंटे के अंदर जवाब देना होगा। स्कूल का मुखिया शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए इससे संबंधित कोई भी सवाल पूछ सकता है। यहीं नहीं एकाउंट पर कोई भी शिक्षक शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने का टिप्स भी दे सकता है। 
चंडीगढ़ निदेशालय भेजा जा रहा स्कूल मुखियाओं का प्रोजेक्ट 
विद्यालय में शिक्षा गुणवत्ता में कैसे सुधार लाया जाए। इसका प्रोफार्मा भी मुख्यमंत्री शिक्षा-दीक्षा योजना के तहत दी जा ट्रेनिंग में स्कूल के मुखिया से भराया जा रहा है। उन लोगों से किसी एक प्रोजेक्ट पर कार्य करने के लिए कहा जा रहा है। किसी स्कूल इंचार्ज की तरफ से विद्यार्थियों की लेखनी में सुधार के लिए वर्षभर का प्रोजेक्ट दिया जा रहा है, तो कोई अंग्रेजी में सुधार का प्रोजेक्ट दे रहा है। इस प्रक्रिया से प्रदेशभर के 15 हजार विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा। ट्रेनिंग के बाद सभी स्कूल के मुखिया का प्रोजेक्ट चंडीगढ़ निदेशालय भेजा जा रहा है। 
खुद को सीईओ समझकर योजनाएं बनाएं स्कूल मुखिया 
बुधवार को जिला विकास भवन में ट्रेनिंग दे रहे ट्रेनर नवीन नारा ने स्कूल मुखियों से कहा कि जब आप खुद को स्कूल का सीईओ समझेंगे तभी शिक्षा बेहतर हो सकती है। सीईओ के तौर पर कार्य करेंगे तो आप अपनी योजनाएं बनाएंगे और अपने हिसाब से कार्य भी करेंगे। बुधवार को रोहतक ब्लाक के 106 स्कूल मुखियों को मुख्यमंत्री शिक्षा-दीक्षा योजना के तहत ट्रेनिंग दी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ इमसार विभाग के प्रोफेसर डा. अजय राजन ने किया। उन्होंने कहा कि बच्चों की ग्रहण करने की क्षमता को ध्यान में रखकर शिक्षण विधि अपनानी होगी। तभी सीखने व सीखने की प्रक्रिया का सकारात्मक परिणाम सामने आएगा। सभी को ट्रेनिंग बीईओ जितेंद्र सांगवान, नवीन नारा व रोहताश वर्मा ने दी।                                    db


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