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Saturday 4 April 2015

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रति विद्यार्थी 32 हजार सालाना खर्च

** अनुपस्थित या बिना कारण छुट्टी पर कटेगा वेतन
हिसार : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का उत्थान जरूरी है। ऐसा इसलिए कि पहली कक्षा के 22 फीसद बच्चे 0 से 9 तक के अक्षरों को नहीं पहचानते, जबकि प्रति विद्यार्थी 32 हजार रुपये सालाना खर्च होते हैं।
यह खुलासा कक्षा तत्परता कार्यक्रम कार्यशाला के दौरान प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने किया। गुप्ता ने बताया कि जब तक शिक्षक गंभीर नहीं होंगे, किसी भी सूरत में शिक्षा स्तर में सुधार नहीं हो सकता है। यही वजह है कि पूर्व की अपरिपक्व शिक्षा नीतियों के कारण ही पहली कक्षा के बच्चे अक्षर नहीं पहचानते हैं। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में करीब 15 हजार रुपये प्रति बच्चे पर खर्च आता है। इसके बावजूद निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला करवाने अभिभावक नहीं आते हैं। इसके पीछे मुख्य वजह निजी स्कूलों में शैक्षणिक कार्यप्रणाली सरकारी स्कूलों से बेहतर है। इतना ही शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में शिक्षा पर सालाना आठ हजार दो सौ करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। इतना खर्चा करने के बावजूद शिक्षा में सुधार नहीं हुआ है। 
एपीएआर में थी खामियां : कटारिया 
शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक सुमेधा कटारिया ने बताया कि पिछले साल शिक्षकों की एपीएआर या वार्षिक मूल्यांकन निष्पादन रिपोर्ट भरी गई थी। इसमें काफी खामियां मिली है। इससे संबंधित शिक्षा अधिकारियों, स्कूल मुखियाओं और शिक्षकों ने रिपोर्ट को हल्के में लिया है। रिपोर्ट में अवकाश का विवरण मांगा था, जिसे खाली छोड़ दिया गया। इसके अलावा अध्यापन के अलावा गैर शैक्षणिक कार्य करवाने बारे सूचना मांगी थी। शिक्षकों ने यह कॉलम भी नहीं भरा। कहीं पर ज्यादा एपीएआर सप्लाई हो गए लेकिन किसी ने सूचना नहीं दी। इसलिए इमरजेंसी में अतिरिक्त छपवाने पड़े। रिपोर्ट में समीक्षा के दौरान कई विकल्प को खाली छोड़ दिया गया। इन बातों को ध्यान में रखते हुए इस बार गंभीरता से एपीएआर को भरना जरूरी है। 5 जुलाई से 31 जुलाई तक एपीएआर रिपोर्ट भरकर शिक्षा विभाग को उपलब्ध करवानी है। इसलिए सच्चाई और ईमानदारी से एपीएआर भरे।
लापरवाही नजरअंदाज नहीं 
प्रधान सचिव गुप्ता ने दो टूक कहा कि किसी भी सूरत में शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारी की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। अगर कोई शिक्षक स्कूल में अनुपस्थित है और बिना कारण छुट्टी पर है तो उसका वेतन काटा जाएगा। यह नियम अन्य सभी लागू होगा। अभी से अपनी छवि में सुधार लाते हुए नियमों की पालना करें। वार्षिक मूल्यांकन निष्पादन रिपोर्ट (एपीएआर) देने में आनाकानी करने वाले शिक्षक से लेकर मुखिया तक पर गाज गिरेगी। इसलिए काम के प्रति गंभीर हो जाएं सभी।                                                                      dj

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