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Sunday 26 April 2015

जीजेयू में कई शिक्षकों पर डिमोशन का खतरा

** कैस के तहत प्रमोशन में यूजीसी के निर्देशों की अवहेलना 
हिसार : जीजेयू के कई शिक्षकों पर डिमोशन की तलवार लटकने लगी है। मामला कॅरिअर एडवांस स्कीम के तहत प्रमोशन लेने का है। साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी विभाग के महानिदेशक ने यूजीसी के दिशा-निर्देशों की अवहेलना कर दिए गए प्रमोशन का लाभ वापिस लेने को कहा है। अभी यह पत्र दीन बंधु छोटूराम यूनिवर्सिटी में पहुंचा है परंतु जीजेयू में अभी से हड़कंप मचा हुआ है। 
यूजीसी ने कॅरिअर एडवांस स्कीम के तहत प्रमोशन के मानदंड करते हुए दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं। परंतु जीजेयू सहित प्रदेश के कई यूनिवर्सिटी ने अपने हिसाब से मानदंडों को बदल लिया और उसके आधार पर कई शिक्षकों को प्रमोशन दे दी। जीजेयू में इस स्कीम के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर बनने वाले शिक्षकों की संख्या लगभग 40 बताई जा रही है। आरोप है कि पूर्व कुलपति ने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए मानदंडों में फेरबदल करवा दिए, जिसके कारण वो लोग भी प्रमोशन का लाभ लेने में सफल हो गए जो उसके हकदार भी नहीं थे। 
ये संख्या तो केवल जीजेयू के शिक्षकों की है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश के मुख्य तीनों तकनीकी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ केयूके, एमडीयू सीडीएलयू तक ने यूजीसी के दिशा-निर्देशों को बदलकर अपने चहेतों को प्रमोशन दे दी। अगर साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी विभाग के महानिदेशक की ओर से जारी पत्र के अनुसार सभी विश्वविद्यालयों में कार्रवाई होती है तो कई सौ शिक्षक अपने पुराने पदों पर पहुंच जाएंगे। 
महानिदेशक ने कहा 
पत्र में विभाग के महानिदेशक ने कहा कि कैस के तहत मोडिफाई किए गए प्रफोर्मा सरकार ने अप्रूव्ड नहीं किया गया है। यूनिवर्सिटी पत्र क्रमांक 666-668-इंजी दिनांक 02-03-2012 के अनुसार कार्य करें। मोडिफाई प्रफोर्मा के तहत कैस प्रमोशन लाभ इन दिशा-निर्देशों की अवहेलना है। इसलिए इसे वापिस लिया जाए। 
यह है कैस 
कॅरिअर एडवांस स्कीम यानि कैस। इसके एसोसिएट प्रोफेसर तीन साल बाद यूसीजी द्वारा तय मानकों को पूरा करते हुए प्रोफेसर पद पर प्रमोशन पा सकता है। 
किस पर असर 
इस पत्र के अनुसार अगर कोई कार्रवाई होती है तो सबसे अधिक असर एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर की प्रमोशन लेने वालों पर होगा। उल्लेखनीय है कि जीजेयू में पिछले तीन सालों में एक बाद एक कई एसोसिएट प्रोफेसरों को प्रोफेसर के रूप में प्रमोशन दी गई। इनमें से एक के खिलाफ तो बाकायदा कोर्ट में मामला विचाराधीन है।                                                      db

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