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Thursday 2 April 2015

सरकारी स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियों से पूर्व मात्र सात दिन ही पढ़ाई

** विडंबना : प्रथम सेमेस्टर में मात्र 70 दिन ही होगी पढ़ाई
इस बार जून की गर्मियों की छुट्टियों से पूर्व सरकारी स्कूलों में बच्चे अपने सिलेबस को मात्र सात दिन ही पढ़ सकेंगे। सात दिन में जितना भी सिलेबस शिक्षक करा सकेंगे, उसी के अनुसार ही शिक्षकों को गर्मियों की छुट्टियों का काम बच्चों को देना होगा। यही नहीं अबकी बार पूरे प्रथम सेमेस्टर के दौरान मात्र 63 दिन ही बच्चे पढ़ सकेंगे। यह सब कक्षा तत्परता कार्यक्रम के कारण होगा। प्रथम सेमेस्टर के दौरान 52 दिन तो केवल कक्षा तत्परता कार्यक्रम ही चलेगा और इस दौरान स्कूलों में पढ़ाई की बजाय कक्षा तत्परता कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियां कराई जाएंगी।
शिक्षा विभाग ने 1 अप्रैल से सरकारी स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस दौरान 1 अप्रैल से 22 मई तक सरकारी स्कूलों में कक्षा तत्परता कार्यक्रम भी शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि शिक्षा विभाग ने कक्षा तत्परता कार्यक्रम इसी उद्देश्य से शुरू किया था कि स्कूलों में सही समय पर पुस्तकें नहीं पहुंच पाती थी, लेकिन वर्ष 2014 व इस बार 2015 में भी सरकारी स्कूलों में किताबें शिक्षा सत्र से ही पहले पहुंचा दी गई, लेकिन उसके बावजूद भी सरकारी स्कूलों में कक्षा तत्परता कार्यक्रम चलाकर बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है।
1 अप्रैल से लेकर 22 मई तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा तत्परता कार्यक्रम चलेगा। उसके बाद 31 मई तक बच्चों को सिलेबस कराया जाएगा। इसमें से भी दो छुट्टियां रविवार की कट जाएगी। उसके बाद एक से 30 जून तक गर्मियों की छुट्टियां होंगी। 1 जुलाई को स्कूल लगने के बाद 15 सितंबर के आसपास सरकारी स्कूलों में सेमस्टर परीक्षाएं शुरू हों जाएंगी। ऐसे में पूरे सेमेस्टर के दौरान 115 वर्किग डे में से केवल 63 दिन ही बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे और ऐसे में सिलेबस कैसे पूरा हो सकेगा।
कक्षा तत्परता कार्यक्रम को लेकर जो निर्देश शिक्षा विभाग ने जारी कर रखे हैं, उसमें लिखा है कि पुस्तकों के सही समय पर नहीं पहुंचने के कारण व फसल कटाई के कारण यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, लेकिन अबकी बार सरकारी स्कूलों में किताबें भी समय पर पहुंच गई हैं और अबकी बार विभाग ने फसली अवकाश भी रद कर दिए हैं, ऐसे में कक्षा तत्परता कार्यक्रम की उपयोगिता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। एक तरफ तो विभाग बच्चों की बेहतर पढ़ाई के लिए शिक्षकों दबाव डालकर अच्छे रिजल्ट की उम्मीद करता है तो दूसरी तरफ कक्षा तत्परता कार्यक्रम के आयोजन करके बच्चों व शिक्षकों का समय बर्बाद करने का काम किया जा रहा है।
अब तक नहीं पहुंच मॉड्यूल : 
कक्षा तत्परता कार्यक्रम को लेकर विभाग की तरफ से हर कक्षा के हिसाब से मॉड्यूल जारी किए जाते हैं, लेकिन अब तक भी अधिकतर स्कूलों में माड्यूल नहीं पहुंच सके हैं, ऐसे में कक्षा तत्परता कार्यक्रम की उपयोगिता पर ही सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि जब तक उसकी जानकारी ही स्कूलों में नहीं पहुंच सकेगी तो शिक्षक आखिर करेंगे क्या।                                                                                 djjnd

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