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Saturday 26 December 2015

अब शिक्षक नहीं कर सकेंगे प्रमाण पत्र से फर्जीवाड़ा


** तकनीक : एक क्लिक पर सीटेट का सत्यापन

सिरसा : देशभर के कॉलेजों एवं स्कूलों में पढ़ाने की चाह रखने वाले सीटेट उम्मीदवार अब फर्जीवाड़ा करके शिक्षक नहीं बन सकेंगे। अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने उक्त उम्मीदवारों के प्रमाण पत्र पर ग्लोबल डॉक्यूमेंट टाइप आइडेंटिफायर लगाया है। 

इस जीएस-1 क्यू आर कोड के जरिये अब स्कूल एवं कॉलेज प्रबंधन शिक्षक भर्ती से पहले उनके दस्तावेजों को वन क्लिक के जरिये ही ऑनलाइन चेक कर लेगा। इससे फर्जी प्रमाण पत्र के जरिये शिक्षक की नौकरी हासिल करने के खेल पर लगाम लगेगी, वहीं स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों को पढ़ा लिखा बेहतर ज्ञान रखने वाला शिक्षक मिलेगा। हालांकि फरवरी 2015 से पहले केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) की परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों के स्कूल एवं कॉलेज इस तरीके से प्रमाण पत्र नहीं जांच सकेंगे। 
उक्त तिथि के बाद के ही उम्मीदवारों के स्कूल ऑनालक्ष्न प्रमाण पत्र जांच सकेंगे। प्रमाण पत्र पर दर्शाए गए जीएस-1 क्यू आर कोड डालते ही स्कूल प्रबंधन की नियुक्ति कमेटी के समक्ष उम्मीदवार का नाम, फोटो, रोल नंबर, प्रमाण पत्र जारी होने की तारीख एवं नंबर सहित पूरा ब्योरा सामने आ जाएगा। बोर्ड की इस व्यवस्था से फर्जी तरीक से नौकरी लेने वाले उम्मीदवार शिक्षक नहीं बन सकेंगे। सीबीएसई बोर्ड के सहायक निदेशक डॉ. सुगंध शर्मा का कहना है कि अधिकांश शिक्षण संस्थाए अभ्यर्थियों भर्ती के दौरान बुला-बुलाकर ही उनके मूल दस्तावेज की जांच करती है। मगर अब उम्मीदवार को बुलाने का झंझट नहीं रहेगा। साथ ही इसके सार्थक परिणाम सामने आने पर यह व्यवस्था दसवीं एवं बारहवीं के प्रमाण पत्रों के लिए भी की जाएगी। इस व्यवस्था को लेकर पत्र जारी किया गया है।

एप से भी वेरिफिकेशन 

बता दें कि पहले स्कूल प्रबंधन को मोबाइल पर क्यूआर कोड स्केनर एप डाउनलोड करनी होगी। तत्पश्चात प्रमाण पत्र पर लिखे क्यूआर कोड को लिखकर स्केन करना होगा। इसके उपरांत जो लिंक का पेज खुलेगा उस पर क्लिक करके स्कूल प्रबंधन के समक्ष उम्मीदवार का तमाम गोपनीय डाटा होगा। इसे सीबीएसई द्वारा सीटेट परिणाम डाटा लाइब्रेरी से जोड़ा गया है।                                                             dj

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