पानीपत : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को गांवों से स्कूल तक जाने में कोई परेशानी न हो इसके लिए सरकार छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत अब लड़कियों को स्कूल जाने के लिए रोडवेज बसों के इंतजार में नहीं रहना पड़ेगा और न ही पैदल स्कूल में जाना पड़ेगा। ग्रामीण खुद एसएमसी के माध्यम से अनुबंध आधार पर कोई प्राइवेट वाहन रख सकेंगे। जिसका प्रति छात्रा जो खर्च आएगा वह शिक्षा विभाग की तरफ से सीधे उन छात्राओं के बैंक खाते में डाला जाएगा। इस योजना को लेकर विद्यालय शिक्षा विभाग, हरियाणा सरकार के विशेष सचिव राजीव रत्तन ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों और स्कूल इंचार्जों को पत्र भेज दिया है। जिसमें उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे स्कूलों की जगह कुछ दूरी पर बड़े स्तर पर और अच्छी सुविधाओं वाले स्कूल स्थापित करना है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी परेशानी यातायात की थी जो अब नहीं रहेगी।
जानिए...छात्राएं कैसे उठा सकती हैं लाभ
- योजना के तहत छात्राओं की संख्या अनुसार ग्रामीण एसएमसी के माध्यम से ऑटो रिक्शा, कार, वैन, सूमो, जीप, मैक्सी कैब, छोटा हठी, मिनी बीएस, टैम्पो या बस जैसे वाहन लगा सकेंगे।
- इसके लिए छात्राओं की संख्या अनुसार प्रति छात्रा प्रति किलोमीटर 4 रुपए के हिसाब से पैसे सीधे छात्राओं के खाते में भेजे जाएंगे।
- माना किसी स्कूल से आना-जाना कुल 6 किलोमीटर पड़ता है, तो एक छात्रा को एक दिन के 4 रुपए किलोमीटर के हिसाब से 24 रुपए और माना महीने में कार्यदिवस 25 हैं तो पुरे महीने के 600 रुपए सीधे खाते में मिलेंगे।
- स्कूल इंचार्ज को इस तरह की छात्राओं का रिकार्ड और उनके वाहन और दूरी का रिकार्ड विभाग को भेजना होगा। योजना के लिए स्कूल मुखिया, विद्यालय प्रबंधन समिति, अभिभावकों और जिला शिक्षा अधिकारियों के अलग-अलग दायित्व निर्धारित किए गए हैं।
- इसके लिए वही छात्राएं योग्य होंगी जिनके गांव की दूरी स्कूल से कम से कम 3 किलोमीटर है और उन्हें आठवीं कक्षा से ऊपर की पढाई करने बाहर जाना पड़ता है। जिन छात्राओं को निशुल्क साइकिल मिल चूकी हैं वो इसका लाभ नहीं ले पाएंगी।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.