** सरकार हुई सख्त, आज शाम तक तनख्वाह नहीं दिलाने वाले डीईओ, डीईईओ और डीओ पर गिरेगी गाज
** खामियां दूर कर वेतन जारी कराने का आदेश ठंडे बस्ते में
चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में मानव संसाधन प्रबंधन सिस्टम (एचआरएमएस) पर गलत
आंकड़े की एंट्री से 6042 शिक्षकों और गैर शैक्षणिक स्टाफ की सेलरी नौ
महीने से अटकी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की लगातार हिदायतों के बावजूद न
तो जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारी पोर्टल पर खामियों को
दुरुस्त करा रहे और न स्टाफ का वेतन जारी कर रहे हैं। अब सरकार ने चेतावनी
दी है कि शनिवार तक सेलरी जारी कर विभाग के पास किसी की तनख्वाह लंबित न
होने का प्रमाणपत्र जमा नहीं कराया तो संबंधित डीईओ और डीईईओ के साथ ही
डीडीओ (आहरण अधिकारी) और चेकर की सेलरी रोक ली जाएगी।
शिक्षा विभाग में
एचआरएमएस पर पूरा डाटा अपलोड करने की व्यवस्था है। स्कूलों के छह हजार से
अधिक कर्मचारियों के डाटा में कोई न कोई खामी रहने से इनका वेतन जारी नहीं
हो पा रहा। काफी संख्या में कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें वेतन के नाम पर इस
साल फूटी कौड़ी नहीं मिली। ऐसे में इन कर्मचारियों को परिवार का खर्च चलाने
में पसीने छूटने लगे हैं। पीड़ित स्टाफ की मुश्किलों को देखते हुए पिछले
दिनों माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा
अधिकारियों, एससीईआरटी निदेशक और डाइट के प्रधानाचार्यो को लिखित आदेश दिए
थे कि 10 अक्टूबर तक पूरे स्टाफ को अभी तक का सारा वेतन जारी कराते हुए
निदेशालय को रिपोर्ट करें। साथ ही पोर्टल पर खामियों को दूर कराने की
हिदायत दी। निर्धारित समय सीमा गुजरने के बावजूद अधिकतर डीईओ और डीईईओ ने
इस संबंध में कोई एक्शन नहीं लिया। न तो स्टाफ को वेतन मिला और न निदेशालय
को डाटा दुरुस्त कराने वाले कर्मचारियों की सूची भेजी गई। इसका नोटिस लेते
हुए शिक्षा निदेशालय ने फिर से सभी संबंधित अफसरों को चेताया है।
निर्देशों के अनुसार अगर किसी कर्मचारी का दिन विशेष का वेतन नहीं बनता या
अवैतनिक अवकाश, सेवानिवृत्ति, दूसरे विभाग में प्रतियुक्ति के मामले में
पूरा ब्योरा एचआरएमएस पोर्टल पर दें। तकनीकी कारणों से वेतन जारी नहीं होने
की स्थिति में एचआरएमएस की हेल्प डेस्क से मदद ली जा सकती है।
निर्देशों
में साफ है कि किसी भी सूरत में कर्मचारी या शिक्षकों का वेतन एमआइएस
प्रोफाइल पूरा नहीं होने पर न रोका जाए। अगर किसी कर्मचारी का वेतन नहीं
दिया जाना बनता है तो इसकी वजह भी पोर्टल पर बतानी पड़ेगी। अगर किसी
कर्मचारी ने ई-सेलरी से तनख्वाह निकलवाई है तो पोर्टल पर इसे अपडेट कर दिया
जाए।
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