नई दिल्ली : आधार नंबर जारी करने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी
ऑफ इंडिया (यूआइडीएआइ) ने कहा है कि मोबाइल उपभोक्ताओं को उसी सूरत में
दोबारा केवाइसी (नो युअर कस्टमर) कराने की आवश्यकता होगी, जब वे अपने सिम
कार्ड को आधार से डीलिंक कराना चाहते हैं।
यूआइडीएआइ और दूरसंचार
विभाग ने संयुक्त बयान में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार के मामले में
दिए अपने निर्णय में कहीं नहीं कहा है कि आधार नंबर के जरिये जिन सिम
कार्डो का ई-केवाईसी हुआ है, वे बंद हो जाएंगे। सरकार के दोनों विभागों ने
बृहस्पतिवार को जारी इस बयान में स्पष्ट किया है कि मौजूदा सूरत में किसी
भी सिम के बंद होने की कोई आशंका नहीं है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी
नहीं कहा है कि मोबाइल कंपनियां अपने ई-केवाइसी डाटा को डिलीट कर दें।
सुप्रीम कोर्ट ने केवल इतना ही कहा है कि यूआइडीएआइ किसी भी तरह के सत्यापन
का डाटा छह महीने से अधिक न रखे। यह बाध्यता अदालत ने यूआइडीएआइ पर लगायी
है, न कि टेलीकॉम कंपनियों पर। इसलिए मोबाइल कंपनियों को अपने ई-केवाइसी
डाटा को डिलीट करने की आवश्यकता नहीं है।
बयान के मुताबिक इसके विपरीत
दूरसंचार विभाग और यूआइडीएआइ मिलकर एक व्यवस्था तैयार कर रहे हैं, जिसके
तहत एक मोबाइल एप के जरिये नए सिम कार्ड जारी करने के लिए ई-केवाइसी की सरल
प्रक्रिया होगी। इसके तहत फोटो के जरिये व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित की
जाएगी।
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