नई दिल्ली : स्कूलों में आठवीं तक फेल न करने की नीति में बदलाव के इंतजार
में बैठे राज्यों की बेचैनी अब बढ़ती दिख रही है। यही वजह है कि गुजरात,
असम, मिजोरम, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों ने केंद्र से इस बदलाव
को जल्द मंजूरी दिलाने की गुहार लगाई है। राज्यों के इस रुख को देखने के
बाद केंद्र में हलचल बढ़ी है। राज्यों को शीतकालीन सत्र का इंतजार करने को
कहा गया है। मौजूदा समय में यह विधेयक लोकसभा से पास हो चुका है और
राज्यसभा में लंबित है।
स्कूली शिक्षा में बदलाव की यह मांग इन राज्यों ने
कैब (सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड) की बैठक में भी की थी। इस बदलाव को लेकर
राज्यों की उत्सुकता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि कैब की बैठक
में 20 से ज्यादा राज्यों ने फेल न करने वाली नीति में बदलाव का समर्थन
किया था। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, राज्यों ने इस दौरान विधेयक
को मंजूरी न मिलने की स्थिति में सरकार से दूसरे विकल्पों पर भी काम करने
की मांग की है। इनमें राज्यों को अध्यादेश के जरिये बदलाव की इजाजत देने
जैसे विषय भी हैं।
वैसे भी स्कूलों में नया सत्र शुरू होने से पहले ही
राज्य इसमें बदलाव चाहते हैं, क्योंकि स्कूली सत्र के बीच में इसे लागू कर
पाना मुश्किल होगा। हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्रलय शीतकालीन सत्र में
विधेयक के राज्यसभा से पारित होने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है।
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