रोहतक : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की दसवीं कक्षा में
पास होने ही राह विद्यार्थियों के लिए अब आसान हो गई है। बोर्ड की ओर से
दसवीं कक्षा पास करने के नियमों में कुछ बदलाव किया गया है। नए नियमों से
होशियार विद्यार्थियों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा लेकिन कमजोर
विद्यार्थियों को इससे जरूर फायदा पहुंचने की उम्मीद है। बोर्ड की ओर से इन
बदलाव से सभी सीबीएसई स्कूलों को पत्र भेजकर अवगत करा दिया गया है। नए
नियमों से स्कूल मुखियाओं ने खुशी प्रकट की है। उनका कहना है कि कक्षा में
सभी विद्यार्थी होशियार नहीं होते हैं। ऐसे में जो कमजोर विद्यार्थी होते
हैं या खेल व अन्य गतिविधियों में नाम कमा रहे होते हैं, उनको इस नियम से
लाभ पहुंचेगा और दसवीं कक्षा में पास होना उनके लिए अधिक मुश्किल नहीं
रहेगा। इससे पहले थ्योरी के साथ साथ इंटर्नल असेस्मेंट या प्रेक्टिकल में
भी विद्यार्थियों को 33 फीसद अंक हासिल करने होते थे। जिसके चलते कमजोर
विद्यार्थियों को पास होने बड़ा मुश्किल होता है। कई विद्यार्थी तो मानसिक
तनाव का शिकार तक हो जाते थे। लेकिन अब ऐसे विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
शिक्षकों की मानें तो अनेक विद्यार्थी खेलों में या सांस्कृतिक व अन्य
क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
"सीबीएसई की ओर से नियमों में जो बदलाव किया गया है। नए नियमों के
अनुसार अब सीबीएसई से दसवीं पास करने के लिए विद्यार्थियों को थ्योरी और
इंटरनल असेस्मेंट या प्रेक्टिकल में कुल मिलाकर 33 फीसद अंक हासिल करने
होंगे। उससे पढ़ाई में मध्यम या कमजोर रहने वाले विद्यार्थियों को लाभ हो
सकेगा।"--ऋतु विज, प्राचार्या, हरकिशन मैमोरियल पब्लिक स्कूल, रोहतक ।
"दसवीं
में अगर कोई विद्यार्थी थ्योरी में 33 फीसद अंक हासिल करता है और
प्रेक्टिकल में व अनुपस्थित रहता है। ऐसी सूरत में प्रेक्टिकल में उसे
शून्य अंक दिए जाएंगे और उसे थ्योरी के 33 फीसद अंकों से पास कर दिया
जाएगा। यह नियम विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने वाले साबित होगा।"-- डा.
नीरज जैन, प्राचार्य मॉडल स्कूल सेक्टर-4, रोहतक।
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