** विद्यार्थियों का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के साथ ही छात्र संबंधी योजनाओं के लिए भी रहेगी आसानी
** छात्रों का आधार पंजीकरण कर बायोमीट्रिक हाजिरी की योजना लागू करने के लिए रोस्टर किए तैयार
सोनीपत : प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर अब सीधे शिक्षा निदेशालय की निगाह रहेगी। निदेशालय ने अब शिक्षकों के साथ ही विद्यार्थियों की भी बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने की योजना तैयार की है। डिजिटल इंडिया अभियान को सशक्त बनाने और विद्यार्थियों का वास्तविक रिकॉर्ड निष्पक्ष रूप से सुरक्षित रखने के लिए इस योजना पर काम चल रहा है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग के आईटी सेल की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग की ओर से स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों का 100 फीसद आधार पंजीकरण करने और बायोमीट्रिक हाजिरी की योजना को लागू करने के लिए रोस्टर/शेड्यूल तैयार करने के निर्देश जारी हुए हैं। विद्यार्थियों की आधार पंजीकरण के हिसाब से रोस्टर तैयार कर इसकी रिपोर्ट जिला स्तर से भेजी गई है। विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में छात्रों का रोस्टर तैयार कर सभी सरकारी व निजी स्कूलों के मुखियाओं और आधार ऑपरेटरों को भी साझा करना होगा।
किसी चुनौती से कम नहीं है सरकारी स्कूलों को हाइटेक बनाना
बड़े निजी स्कूलों की तरह ही शिक्षा निदेशालय सरकारी स्कूलों को भी हाइटेक बनाने पर जोर दे रहा है। इस कड़ी में अब शिक्षकों के साथ ही विद्यार्थियों की हाजिरी को भी सीधे निदेशालय से जोड़ने की योजना बन रही है। हालांकि यह योजना प्रदेश स्तर पर लागू कर इसे सुचारू रूप से चलाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। क्योंकि अक्सर देखने में आता है कि शिक्षकों के लिए स्कूल में लगाई गई बायोमीट्रिक मशीनें ही आए दिन खराब हुए रहती हैं, जिससे उनकी हाजिरी रजिस्टर में ही दर्ज करनी पड़ती है। जिले के प्राइमरी, मिडिल व माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 750 हैं जिनमें हजारों छात्र-छात्रएं पढ़ते हैं। अगर निदेशालय प्रदेश के सभी स्कूलों में बायोमीट्रिक हाजिरी लगाकर इसका सही संचालन कर पाया तो यह शिक्षा विभाग की एक बड़ी उपलब्धि होगी।
"विद्यार्थियों की बायोमीट्रिक हाजिरी लगने से उनका रिकॉर्ड पारदर्शी व सुरक्षित रहेगा। सभी स्कूलों में सौ फीसद आधार पंजीकरण व बायोमीट्रिक के लिए जिला स्तर पर रोस्टर तैयार करने का कार्य हुआ हैं। योजना के जमीनी स्तर पर लागू होते ही इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।"-- जिलेसिंह, जिला शिक्षा अधिकारी
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