जींद : भाजपा के 4 वर्ष के शासनकाल में प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में भारी गिरावट आई है। सरकार शिक्षा का नीजिकरण करने पर तुली हुई है। प्रदेश में हर 6 दिन बाद एक सरकारी स्कूल बंद हुआ है, जबकि दूसरे दिन एक निजी स्कूल अस्तित्व में आया है।
जुलाना से इनैलो विधायक परमेंद्र सिंह ढुल ने विधानसभा से जुटाई जानकारी का
हवाला देते हुए यह खुलासा किया। ढुल ने बताया कि अप्रैल-2015 से लेकर अब
तक केवल 77 स्कूल अपग्रेड किये गए हैं। यह भी तब हुआ जब अपग्रेडेशन की मांग
को लेकर छात्राएं तथा अभिभावक धरने पर बैठे। अम्बाला, कुरुक्षेत्र,
महेन्द्रगढ़, पलवल और यमुनानगर जैसे जिलों में एक भी स्कूल अपग्रेड नहीं
हुआ है। विधायक ढुल ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि वर्ष-2014 या उससे
पहले के मुकाबले वर्ष-2018 तक न केवल पास होने वालों की संख्या में गिरावट
आई है, बल्कि नकल के केस भी बढ़ते जा रहे हैं। वर्ष-2014 में सरकारी व
प्राइवेट स्कूलों में दसवीं व बारहवीं में क्रमश: 61 व 73 फीसदी छात्र पास
हुए। जबकि 4 वर्षों में दसवीं व बारहवीं में औसत क्रमश: 49.09 व 61.15
प्रतिशत छात्र ही पास हो सके। वर्ष-2014 में दसवीं व बारहवीं में औसतन 1288
नकल के केस बने, वहीं 4 वर्षों में औसतन 2027 नकल के केस बने। प्रदेश में
बिगड़ रही शिक्षा व्यवस्था के लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों ही जिम्मेदार
हैं।
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