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Friday 13 September 2013

यह कैसी शिक्षा : किताबें आईं नहीं, मूल्यांकन कैसे!

**आखिरी समय में शिक्षक आंख बंद कर बनाएंगे मूल्यांकन रिपोर्ट 
**आधा सत्र बीतने के बाद भी शुरू नहीं हो पाया मूल्यांकन का काम 
सिरसा : सत्र शुरू हुए छह माह से भी ज्यादा का समय बीच चुका है। लेकिन अभी भी प्रदेश के तीसरी से आठवीं कक्षा के सरकारी स्कूलों में पुस्तकें नहीं पहुंची हैं। नतीजतन बच्चों की पढ़ाई तो बाधित हो ही रही है। 
इससे भी बड़ी बात यह है कि विद्यार्थियों की जो पूरी क्रिया कलाप के आधार पर सतत व्यापक मूल्यांकन किया जाना था वह भी नहीं हो पा रहा है। इससे यही कहा जा रहा है कि आखिरी समय पर शिक्षक आंख बंद कर मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करेंगे। शिक्षा विभाग द्वारा किए गए बदलाव के अनुसार पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को तिमाही, छमाही व वार्षिक परीक्षा को समाप्त कर दिया गया है। शिक्षा अधिकार कानून के अनुसार इन कक्षाओं के बच्चों को सतत व्यापक मूल्यांकन के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जानी थी। जिसमें इनके हरेक क्रियाकलाप को शामिल करना था। 
शिक्षक बोल रहे- हम मजबूर हैं, क्या करें 
स्कूलों में पुस्तकें न होने के चलते कक्षाएं बेहतर ढंग से लग पा रही हैं या नहीं इसपर शिक्षक अपने आप को मजबूर बता रहे हैं।उनका कहना है कि झूठी रिपोर्ट तो कभी भी बनाई जा सकती है। जब सभी विद्यार्थियों के पास पुस्तकें ही नहीं है तो कक्षाओं में होमवर्क कैसे दिया जा सकता है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की गलती की सजा विद्यार्थियों को भुगतनी पड़ेगी। 
परीक्षा नहीं होगी : शिक्षा अधिकारी 
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी डॉ. मधु मित्तल का कहना है कि आरटीई के अनुसार पहली से आठवीं कक्षा तक किसी भी प्रकार की परीक्षा नहीं होगी। सतत व्यापक मूल्यांकन के आधार पर ही परीक्षाफल बनाया जाएगा। यह मूल्यांकन स्कूलों में किया जा रहा है। 
शिक्षकों की गलती नहीं: फूल सिंह 
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान फूल सिंह लुहानी का कहना है कि इसमें शिक्षकों की गलती नहीं है। शिक्षक कोर्स को पूरा करवाने की कोशिश कर रहे हैं। मगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैं। इसके लिए यूनियन की ओर से कई बार प्रदर्शन किया जा चुका है। ....db


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