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Saturday 7 September 2013

विधानसभा में गूंजेगा बोर्ड के खराब रिजल्ट का मुद्दा

**डीईओ से मांगा रिकॉर्ड, संबंधित स्कूलों के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछा 
हिसार : बोर्ड कक्षाओं के खराब रिजल्ट का मुद्दा अब विधानसभा के सत्र में उठाया जाएगा। इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से उन स्कूलों का रिकॉर्ड तलब किया है, जिनका रिजल्ट बोर्ड रिजल्ट से कम है और साथ ही यह भी पूछा गया है कि इन स्कूलों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। 
शिक्षा विभाग भी इस मामले में कार्रवाई को लेकर गंभीर नजर आ रहा है। माना यह जा रहा है कि 20 फीसदी से कम रिजल्ट वाले स्कूलों के मुखियाओं व शिक्षकों को चार्जशीट किया जाएगा और जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या 39 बताई जा रही है, जिनमें एक सीनियर सेकंडरी और बाकी सेकंडरी स्कूल हैं। 
डीईओ से मांगा रिकॉर्ड 
इस दफा सरकारी स्कूलों में बोर्ड कक्षाओं का परिणाम काफी कम रहने के कारण शिक्षा विभाग की फजीहत हो रही है। इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री ने विभाग के अधिकारियों की काफी खिंचाई की है और साथ ही ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है कि जिनका परिणाम 20 फीसदी से कम है। अब यह मामला विधानसभा में पहुंच गया है। मौजूदा विधानसभा सत्र में यह मामला उठाया जाएगा। 
इसके कारण सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से उन स्कूलों का रिकॉर्ड मांगा गया है, जिनका परिणाम बोर्ड परिणाम से कम है। इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारियों से यह जवाब भी मांगा गया है कि ऐसे स्कूलों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है। 
चार्जशीट हो सकते हैं स्कूल संचालक 
शिक्षा विभाग द्वारा उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जिनका रिजल्ट 20 फीसदी से कम रहा है। बताया यह जा रहा है कि अगर पूरे स्कूल का रिजल्ट 20 फीसदी से कम है, तो स्कूल मुखिया व शिक्षकों चार्जशीट किया जाएगा। यदि किसी शिक्षक का उसके द्वारा पढ़ाए जाने विषय का परिणाम 20 फीसदी से कम है, तो उस शिक्षक पर भी कार्रवाई होगी। 
शिक्षा मंत्री ने ली डीईओ की मीटिंग 
बोर्ड कक्षाओं का रिजल्ट घोषित होने के बाद 11 जुलाई को शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक भी बुलाई थी, जिसमें सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को खराब रिजल्ट के बारे मेंं रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था। 
यह रहा था जिले का परिणाम 
इस दफा जिले मेंं सीनियर सेकंडरी का 53 और सेकंडरी कक्षा का 52 फीसदी परिणाम रहा था, जबकि बोर्ड का परिणाम 50 फीसदी के करीब था। बोर्ड के मुताबिक इस बार बच्चों को ग्रेस माक्र्स न दिए जाने के कारण बोर्ड कक्षाओं का परिणाम इतना कम रहा। 
20 फीसदी से कम रिजल्ट पर कार्रवाई 
"विधानसभा सत्र में यह मामला उठेगा। हमने इस बारे में पूरा रिकॉर्ड मांगा गया है और यह भी पूछा गया है कि उन स्कूलों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। 20 फीसदी से कम परिणाम वाले स्कूल मुखियाओं को चार्जशीट भी किया जा सकता है।"-- दर्शना देवी, जिला शिक्षा अधिकारी।....db

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