.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Sunday 5 January 2014

पटरी पर नहीं सिस्टम, परीक्षा परिणाम बन सकता चुनौती

विडंबना : मदवि के पास कार्यप्रणाली दुरुस्त करने का अभी नहीं विकल्प, नायसा से टूट चुका नाता, विवि प्रशासन नहीं हो पाया समर्थ
रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय नैक से ए-ग्रेड का तमगा तो हासिल करने में सफल हो गया, लेकिन अब इसे बरकरार रखना चुनौती बनता जा रहा है। अगर ए-ग्रेड को बनाए रखने में सबसे बड़ी बाधा है तो परीक्षा प्रणाली हैं, जिसे विश्वविद्यालय एक वर्ष बाद भी दुरुस्त करने में सफल नहीं हो पा रहा है। प्रणाली प्रणाली का कार्य देखने वाली नायसा कम्यूनिकेशन से भी नाता टूट चुका है और विश्वविद्यालय खुद इस सिस्टम में समर्थ नहीं हो पाया है। ऐसे में विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए विश्वविद्यालय के सामने पहाड़ जैसी स्थिति नजर आने लगी है। मदवि में प्रथम समेस्टर की परीक्षाएं खत्म होने को हैं, लेकिन अभी तक विवि प्रशासन परिणाम जारी करने की योजना तक नहीं बना पाया है। 
मदवि सूत्रों के अनुसार नायसा कम्यूनिकेशन एजेंसी से विश्वविद्यालय का अनुबंध खत्म हो चुका है। पिछले तीन वर्ष से नायया एजेंसी के माध्यम से ही विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन से लेकर परिणाम घोषित करने तक का कार्य किया जाता रहा है, लेकिन अब नायसा का अनुबंध खत्म होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने कड़ी मुश्किल खड़ी हो चुकी है। वर्ष 2013-14 के दाखिले तो नायसा के माध्यम से हो चुके हैं, लेकिन प्रथम समेस्टर की परीक्षा के परिणाम विश्वविद्यालय खुद जारी करेगा क्योंकि इससे पहले नायसा का अनुबंध खत्म हो गया था। अभी तक विश्वविद्यालय न तो परिणाम परिणाम करने के लिए साफ्टवेयर तैयार कर पाया है और न ही कर्मचारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। 
एक वर्ष में नहीं खोज पाया विकल्प
विश्वविद्यालय प्रशासन नायसा से नाता तोड़ने की योजना एक वर्ष पहले ही तैयार कर चुका था। तभी से नायसा का विकल्प तलाशा जा रहा है, लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय के अधिकारी इसका बेहतर विकल्प नहीं तलाश कर पाए हैं। हालांकि विश्वविद्यालय के अधिकारी परीक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए देश के कई विश्वविद्यालयों का दौरा भी कर चुके हैं, लेकिन बेहतर विकल्प नहीं मिल पाया है। 
ईडीपी सेल नहीं हुआ तैयार
परीक्षा प्रणाली को विश्वविद्यालय खुद मोनीटरिंग करने के लिए खुद का सिस्टम तैयार कर रहा । इस सिस्टम का नाम दिया गया है इलेक्टिोनिक डाडा प्रोसेसिंग सेंटर। लेकिन अभी तक इस सिस्टम को पूरी तरह से तैयार नहीं किया गया है। जब सेंटर ही तैयार नहीं हुआ है तो साफ्टवेयर कैसे डेवलपमेंट होगा और कब कर्मचारी यहां जिम्मेदारी संभालेंगे। रजिस्ट्रेशन से परिणाम जारी करने तक मोनीटरिंग कर्मचारी करेंगे। 
सिस्टम कर रहे तैयार : निदेशक
मदवि कंप्यूटर सेंटर के निदेशक डॉ. जीपी सरोहा से इस बारे में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय खुद का सिस्टम तैयार कर रहा है। इलेक्टिोनिक डाटा प्रोसेसिंग सेंटर पर तेजी से काम हो रहा है। डाटा एंट्री आपरेटर की भर्ती हो चुकी हैं, टाइपिंग टेस्ट के बाद भर्ती होने वाले डाटा एंट्री आपरेटर को जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। साफ्टवेयर डेवलप कराने के लिए देश के अन्य एजेंसियों से भी संपर्क साधा जा रहा है।                              dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.