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Monday 2 June 2014

शिक्षकों की अनिच्छा में उलझा पीएचडी दाखिला

** 14 विषयों में नहीं मिलेगा जेआरएफ को दाखिला 
** शिक्षकों ने नहीं दी पीएचडी सीटें निकालने की सहमति 
कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दावे तो अग्रणी छात्रों को शोध क्षेत्र में आगे बढ़ाने के हैं, लेकिन शिक्षकों के रवैये ने धूमिल कर दिया है। हालत यह है कि कुवि प्रशासन चाहते हुए भी जेआरएफ विद्यार्थियों के लिए 14 विभागों में पीएचडी की सीटें नहीं निकाल पाया, जबकि जेआरएफ पास करने वाले विद्यार्थियों को शोध कार्य में आगे बढ़ाने के लिए स्वयं कुवि कुलपति डॉ. डीडीएस संधू ने ही दो बार पीएचडी में दाखिला निकालने की पहल की है।
देशभर के विश्वविद्यालयों में भले ही जूनियर रिसर्च फेलोशिप पास करने वाले विद्यार्थियों को तुरंत पीएचडी करने का मौका मिल जाता हो, लेकिन कुवि में शिक्षकों की मनमानी के आगे कुवि कुलपति की इच्छा भी कारगर साबित नहीं हो रही है। कुवि कुलपति स्वयं कई बार इच्छा जता चुके हैं कि वे जेआरएफ पास करने वाले विद्यार्थियों को तुरंत शोध कार्य में आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने इस बार जेआरएफ पास विद्यार्थियों के लिए साल में दो बार पीएचडी दाखिला करने का नियम भी बनाया। पहले जहां केवल दिसंबर में पीएचडी दाखिला प्रक्रिया शुरू होती थी, इस बार मई में स्पेशल जेआरएफ के लिए पीएचडी की सीटें निकाली गई हैं। यहां भी प्रशासन की चाहत शिक्षकों की मनमानी के आगे बौनी साबित हुई। कुवि ने पिछले दिनों सभी विभागों से खाली सीटों के बारे में ब्यौरा मांगा था। इसके बाद कुवि के 42 विभागों में से 14 ने जेआरएफ के लिए खाली सीटें न होने का जवाब दिया है। इसके बाद कुवि ने इन विभागों को छोड़कर अन्य विभागों में पीएचडी करने वाले जेआरएफ पास विद्यार्थियों से ही आवेदन मांगे हैं। जबकि इन विषयों में जेआरएफ करने वाले विद्यार्थियों को अब दिसंबर में निकलने वाले आवेदनों का ही इंतजार करना होगा। 
क्यों नहीं निकाली पीएचडी सीटें
नियमों के अनुसार कुवि के विभाग शिक्षकों से उनके पास खाली सीटों का ब्यौरा लेते हैं। इसके बाद भी उनसे पूछा जाता है कि वे कितने छात्रों को पीएचडी कराना चाहते हैं, यानि अपनी कितनी सीटें भरने के इच्छुक हैं। उसके बाद ही विभाग की सीटें घोषित की जाती हैं। यानि कुवि के 14 विषयों के शिक्षकों ने इसमे अनिच्छा दिखाई है। ये नहीं है कि इन विषयों के शिक्षकों के पास खाली सीटें नहीं हैं। कई विभाग तो ऐसे हैं, जिनमें एक दर्जन से अधिक सीटें खाली पड़ी हैं।
इन विषयों की नहीं निकाली सीटें
कंप्यूटर साइंस विभाग, शिक्षा विभाग, होम साइंस विभाग, पर्यावरण संस्थान, इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग विभाग, मैनेजमेंट विभाग, फार्मेसी संस्थान, म्यूजिक एंड डांस विभाग, पंजाबी विभाग, दर्शनशास्त्र विभाग, राजनीति शास्त्र, लोक प्रशासन विभाग, टूरिज्म विभाग और समाजशास्त्र विभाग।                                    dj

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