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Wednesday 11 June 2014

छह रेगुलराइजेशन पालिसी जल्द जारी होंगी

** 2011 की पालिसी में दी जाएगी छूट, पुरानी सारी पालिसी बहाल रहेंगी
** किसी भी तरीके से भर्ती हुए 10 साल के कच्चे कर्मचारी पक्के होंगे
** तीन साल के कच्चे कर्मियों को पक्का करने की अलग नीति बनेगी
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार विधानसभा चुनाव से पहले कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का तोहफा देने जा रही है। उन्हें पक्का करने के लिए छह अलग-अलग रेगुलराइजेशन पालिसी बनाई जा रही हैं। ये पालिसी इसी सप्ताह जारी हो सकती हैं। वर्ष 2011 की रेगुलराइजेशन पालिसी की एक शर्त में ऐसी छूट दी जाने वाली है जिसके मिलने से किसी भी तरीके से भर्ती हुए 10 साल की सेवा वाले कच्चे कर्मचारी पक्के हो जाएंगे। इसके अलावा पांच अन्य पालिसी जारी होंगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गत सोमवार को इन पालिसी को मंजूरी दे दी। अब ये वित्त विभाग में गई हैं। वहां से मंजूरी मिलते ही पालिसी जारी हो जाएंगी। इन पालिसी के आधार पर संबंधित विभाग, बोर्ड या निगम अपने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करेंगे।
ये होंगी छह रेगुलराइजेशन पालिसी

  • प्रदेश सरकार की 3 अगस्त, 2011 को जारी अधिसूचना के अनुसार 10 अप्रैल, 2006 को दस साल की सेवा पूरी करने वाले एडहॉक, कांट्रैक्ट, वर्कचार्ज, डेलीवेजिज, पार्ट टाइम काम करने वाले कर्मचारियों को स्वीकृत रिक्त पद पर रेगुलर किया जाना था। उसमें पहले बिंदू नंबर एक की क्लाज नंबर तीन में शर्त थी कि संबंधित कर्मचारी को या तो रोजगार कार्यालय के जरिए रखा गया हो या विज्ञापन जारी करने के बाद विभागीय चयन समिति ने रखा हो। अब इस शर्त को हटाया जा रहा है। रोजगार कार्यालय और विभागीय चयन समिति के बजाय नियुक्ति किसी भी तरीके से की गई हो शर्त लगाई जएगी। इससे उन कर्मचारियों को फायदा होगा जो केवल इसलिए रेगुलर होने से रह गए थे कि उनका नाम न तो रोजगार कार्यालय की मार्फत आया था और न ही विभागीय चयन समिति ने उन्हें रखा था। 
  • ग्रुप बी के लिए 29 जुलाई, 2011 को जारी नीति में रोजगार विभाग और विभागीय चयन समिति की शर्त में संशोधन कर ग्रुप सी और डी की किसी भी तरीके से नियुक्ति की शर्त रखी जाएगी। 
  • तीन साल की सेवा 28 मई, 2014 को पूरी करने वाले उन ग्रुप सी और ग्रुप डी वाले कच्चे कर्मचारियों को रेगुलर किया जाएगा जो स्वीकृत पदों पर या तो सरकार ने रखे हों या एप्रूव्ड एजेंसी की मार्फत रखे गए हों। एप्रूव्ड एजेंसी सिर्फ हरट्रान को माना जा रहा है। आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए रखे कर्मचारी पक्के नहीं होंगे। 
  • ग्रुप बी के कर्मचारियों को भी तीन साल की सेवा पूरी करने पर ग्रुप सी और डी की तरह रेगुलर किया जाएगा। 
  • ग्रुप बी के जो कर्मचारी 7 मार्च, 1996 की रेगुलराइजेशन पालिसी के तहत इसलिए रेगुलर नहीं हो सके थे क्योंकि वह पालिसी 8 दिसंबर, 1997 को वापस ले ली थी। सरकार उन्हें अब 7 मार्च, 1996 की पालिसी के अनुसार रेगुलर करेगी। 
  • ग्रुप सी और डी के जो कर्मचारी 17 जून, 1997, 5 नवंबर, 1999, एक अक्तूबर, 2003 की पालिसी और 10 फरवरी, 2004, 7 मार्च, 1996 के निर्देशों के बावजूद रेगुलर होने से वंचित रह गए थे, अन्यथा वे योग्यता पूरी रखते थे। उन्हें भी उनकी पालिसी के अनुसार रेगुलर किया जाएगा। 

"हम छह प्रकार की पालिसी जारी करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री से मंजूरी मिल गई है। इन पालिसी के आधार पर विभाग अपने कच्चे कर्मचारी पक्के करेंगे।"--एससी चौधरी, मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार                          au

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