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Wednesday 11 June 2014

टीचर्स बेहोश, पैरों में छाले फिर भी हौंसला है बुलंद

** 47 डिग्री तापमान में पैदल पीएम हाउस जा रहे है कंप्यूटर टीचर्स
** दोपहर 12 बजे जब यात्रा कुमाशपुर पहुंची तो महिला टीचर शालू निवासी अंबाला बेहोश हो गई 
राई : चंडीगढ़ सीएम हाउस से दिल्ली पीएम हाउस तक पैदल यात्रा कर रहे कंप्यूटर टीचर्स के पैरों में छाले पड़ गए हैं। गर्मी की वजह से महिला टीचर्स बेहोश हो रही हैं, लेकिन उनका हौसला नहीं टूटा है। मंगलवार को 47 डिग्री तापमान में पैदल यात्रा दोपहर करीब 12 बजे कुमाशपुर पहुंची। जहां पर अंबाला की शालू बेहोश होकर सड़क पर गिर गईं। शालू के अलावा कई महिला टीचरों के पैरों में मोटे-मोटे छाले पड़े हुए हैं। वे उसके बावजूद भी पैदल यात्रा करने पर अडिग हैं। 
कंप्यूटर टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के प्रधान बलराम धीमान, महासचिव शशीभूषण, सुरेश नैन, रश्मि शर्मा, रेनू, राजीव सैनी, दिवाकर, शालू, निर्मल, अनीता, पूजा, अनुराधा, अनु, रेनू ने बताया कि अगस्त 2013 में प्रदेश सरकार ने तीन कंपनियों के मार्फत 2602 कंप्यूटर टीचर्स भर्ती किए थे। कंपनी के कर्मचारियों ने टीचर्स से 24 हजार रुपए सिक्योरिटी राशि व 2250 रुपए ट्रेनिंग के लिए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उसके बाद उन्हें केवल दो महीने तक मानदेय दिया गया। जब टीचर्स ने मानदेय की मांग की तो उनके साथ दुव्र्यवहार किया गया। नौकरी देते समय 14 हजार 403 रुपए का मानदेय देने की घोषणा की गई थी। कंपनी के लोग तानाशाही करते हुए अब मात्र 11 हजार दे रहे हैं। इसी के विरोध में चार जून से 250 टीचर्स ने चंडीगढ़ से सरकार के खिलाफ पैदल यात्रा शुरू की थी, जोकि 12 जून को दिल्ली में समाप्त होगी। इस दौरान वे पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने का भी प्रयास करेंगे। 
भाजपा ने दिया समर्थन : 
जीटी रोड कुमाशपुर के पास भाजपा नेता राजीव जैन, मोहनलाल बड़ौली, आजाद खरेटा, राजकुमार शर्मा, कर्मवीर, माईराम कौशिक व अशोक खेवड़ा ने कंप्यूटर टीचर्स की पैदल यात्रा का समर्थन किया। जैन ने कहा कि प्रदेश सरकार गूंगी व बहरी हो चुकी है। सरकार को चाहिए कि कंप्यूटर टीचर्स की जायज मांगों को पूरा करे और उनकी पैदल यात्रा को समाप्त कराए। महिलाओं की हालत बिगड़ती जा रही है। 
ये हैं मुख्य मांगे : 
प्रधान बलराम धीमान ने बताया कि उनकी पहली मांग कंप्यूटर टीचर्स को कंपनियों से हटाकर सीधे शिक्षा विभाग के अधीन किए जाने की है। आईसीटी योजना की सीबीआई जांच कराई जाए और जिन 11 शिक्षकों के तबादले किए गए हैं। उन्हें रद्द किया जाए। यदि ये मांगे नहीं मानी गई तो वे कोई भी बड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। 
पैरों के छालों से भी सीएम को नहीं आ रहा है रहम
शालू, रेनू, बलविंद्र व निर्मल ने कहा कि सीएम प्रदेश का राजा होता है। हर प्रदेशवासी उसका बेटा या बेटी की तरह से है। वे उनकी बेटी की तरह से हैं। उनके पैरों में छाले पड़े हुए हैं। वे गर्मी में पैदल यात्रा करने पर मजबूर हैं। उसके बाद भी उनके दिल में न तो जरा सी हमदर्दी है और न ही रहम नाम की कोई चीज। वे भी जिद्दी हैं और जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, संघर्ष करती रहेंगी।                                              dbsnpt



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