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Thursday 2 October 2014

शिक्षा विभाग का कारनामा, जेबीटी की डिग्री ही कर दी गुम !!

** वर्ष 2011 में कुरुक्षेत्र के 116 शिक्षकों ने वेरिफिकेशन के लिए दिए थे डीएड के ओरिजनल अंकपत्र 
** आज तक नहीं मिले वापस, धक्के खा रहे हैं टीचर 
कुरुक्षेत्र : जिस डीएमसी के आधार पर शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को नियुक्त किया, उसी डीएमसी (अंकपत्र) को विभाग ने गुम भी कर दिया। यह कारनामा प्रदेश के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया है। 
वर्ष 2010 में निकली जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में चयनित हुए कुरुक्षेत्र के 116 शिक्षकों की डीएड प्रथम वर्ष की ओरिजनल डीएमसी विभाग ने वेरिफिकेशन के लिए जमा करवाई थी। डीएमसी की वेरिफिकेशन तो हो गई, लेकिन तीन साल गुजरने के बाद भी शिक्षकों को अपनी डीएड की ओरिजनल डीएमसी वापस नहीं मिल पाई हैं। इतना ही नहीं शिक्षक अपनी डीएमसी लेने के लिए जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय से लेकर शिक्षा सदन तक चक्कर लगा चुके हैं। इसके बावजूद शिक्षकों को उनकी डीएमसी नहीं मिल पाई हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या शिक्षा विभाग के जिम्मेवार अधिकारियों ने इन डीएमसी को कहीं गुम कर दिया। 
वहीं सवाल यह भी है कि शिक्षक अपनी डीएमसी कहां से लें क्योंकि वे सभी जगह हाथ-पैर मार चुके हैं, लेकिन डीएमसी नहीं मिल पाई। 
डीएमसी वापस दे विभाग : चौहान 
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान विनोद चौहान ने कहा कि यह मामला कुल ११६ जेबीटी शिक्षकों की डीएड प्रथम वर्ष की डीएमसी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह विभाग की जिम्मेदारी है कि जब उन्होंने वेरिफिकेशन के लिए डीएमसी शिक्षकों से ली तो वेरिफिकेशन के बाद डीएमसी उन्हें वापस की जाएं। अपनी जिम्मेदारी को निभाने में शिक्षा विभाग तीन साल से फेल है। चौहान ने कहा कि अगर डीएमसी विभाग से गुम हो गई हैं तो शिक्षकों को दोबारा डीएमसी बनवाकर दी जाएं। उन्होंने कहा कि डीएमसी ना होने से शिक्षकों के पास अपना पूरा शैक्षणिक रिकार्ड ही उपलब्ध नहीं है। जिसके चलते उन्हें पदोन्नति प्राप्त करते समय और कई अन्य जगहों पर परेशानी का सामना करना पड़ेगा। विनोद चौहान ने बताया कि शिक्षकों ने १०, १२वीं और डीएड की ओरिजनल डीएमसी वेरिफिकेशन के लिए दी थी। जिनमें से अन्य डीएमसी मिल चुकी हैं, लेकिन डीएड प्रथम वर्ष की डीएमसी अब तक वापस नहीं मिल पाई है। 
शिक्षा सदन के भी लगा चुके चक्कर 
जेबीटी शिक्षकों ने बताया कि वे अपनी ओरिजनल डीएमसी लेने के लिए शिक्षा सदन पंचकूला तक चक्कर लगा चुके हैं। वहां से अधिकारी जवाब देते हैं कि जिला शिक्षा विभाग को डीएमसी दे दी गई हैं। जिला स्तर पर जब शिक्षकों ने पूछा तो यहां पर भी डीएमसी नहीं थी। शिक्षकों ने कहा कि वे प्रदेश शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा विभाग के बीच फुटबाल बनकर रह गए हैं। शिक्षकों ने कहा कि उनसे डीएमसी वेरिफिकेशन के लिए ली गई थी। वेरिफिकेशन हो चुकी है, लिहाजा उन्हें उनकी डीएमसी जल्द से जल्द मिलनी चाहिए। वहीं शिक्षकों ने डीएमसी देने में हो रही लेट लतीफी के कारणों की जांच करके इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी की। ताकि वे भविष्य में इस तरह की लापरवाही ना कर सकें।                                         db

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