.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Saturday 13 December 2014

एक शिक्षक के सहारे चल रहा है स्कूल

यमुनानगर : प्रदेश में बच्चों को शिक्षित करने के लिए करोड़ों रुपए की राशि स्कूलों पर खर्च करने का दावा करने वाली सरकार के दावे गांव हाफसी स्कूल में खोखले साबित हो रहे हैं। इस स्कूल में न तो चारदीवारी बनी है, न ही बच्चों के शौचालय जाने के लिए वाशरूम। इतना ही नहीं, स्कूल का पूरा प्रांगण कबाड़े और पशुओं के गोबर से भरा पड़ा है। इससे स्कूल किसी तबेले से कम नहीं लगता। इतना ही नहीं, यह स्कूल मात्र एक अध्यापक के सहारे चल रहा है। अध्यापक को जरूरी काम पड़ने पर बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है।
सुनने में तो यह मामला अजीबो-गरीब जरूर लगता है, लेकिन सच्चाई यही है। हाफसी के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक भी इन सब समस्याओं का रोना रो रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। स्कूल की चार दीवारी न होने के कारण पशु भी स्कूल कें प्रांगण में चरते रहते हैं।
स्कूल के शिक्षक बिजेंद्र का कहना है कि स्कूल में मूलभूत सुविधाओं के अभाव व शिक्षकों की भी कमी है।
वह अकेले सभी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल की समस्या के बारे उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। स्कूल में शौचालय न होने के कारण छात्राओं को सबसे अधिक समस्या का सामान करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आनंद चौधरी का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला है। वह या तो स्कूल को जल्द ही दूसरी जगह मर्ज करवा देंगे या सरकार से फंड लेकर सुविधाएं मुहैया करवाने का प्रयास करेंगे।                                            dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.