.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Friday 5 December 2014

इब्ब तो रिश्ते आले बी एचटेट मांगण लागगे

तोशाम : घटता लिंगानुपात और बेरोजगारों की लंबी जमात। प्रदेश के अविवाहित युवाओं के लिए पहले ही परेशानी क्या कम थी कि रिश्ते वालों ने विवाह के लिए नयी शर्त रखनी शुरू कर दी। वो भी ऐसी जिसे पूरी कर पाना हर किसी के लिए ही संभव ना हो।  आज कल रिश्ता जोडऩे के लिए लड़के और लड़की वाले घर परिवार व जमीन जायदाद के बाद भावी दूल्हा-दूल्हन में जो योग्यता को तलाशते हैं, वो है एचटेट पास होना।
रोजगार की चाह में हर वर्ष हजारों युवक-युवतियां जेबीटी, बीएड, एमए व अन्य शैक्षणिक डिग्रियां करते हैं। पर सरकार द्वारा वर्ष 2008 में एचटेट की शर्त लगा देने के बाद से निरंतर पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। अब तक 6 बार एचटेट कराया जा चुका है और बेहद कम परिणाम प्रतिशत को लेकर शुरू से ही एचटेट काफी चर्चा में रहा है। साफ है कि यह परीक्षा पास करके रोजगार के पात्र बने युवाओं की संख्या काफी कम है और ऊपर से नौकरियां कम। ऐसे में चाहे एचटेट पास हो या नहीं, ये सभी शिक्षित बेरोजगार निजी स्कूलों में महज 3500 से पांच हजार रुपए में शोषण की मार झेल रहे हैं।
यही कारण है कि अभिभावक आजकल दूल्हा-दूल्हन के रूप में एचटेट पास लड़का-लड़की तलाश रहे हैं।  उनका मानना है कि नौकरी मिलना न मिलना तो भाग्य की बात है, पर एचटेट पास करने के बाद लड़का-लड़की नौकरी की कतार में तो खड़े होने लायक हो ही जाएंगे और क्या पता देर सबेर भगवान मेहरबान भी हो जाए।
तोशाम निवासी रामकिशन शर्मा अतीत के आइने में झांकते हुए बताते हैं, ‘म्हारै टैम म्हैं तो रिश्ते आल्लै किल्ला (जमीन)  देख्यां करदे। शक्ल सूरत, पढ़ाई लिखाई आर बाकी बात फैर होया करदी। इब्ब तो रिश्ते आले बी एचटेट मांगण लागगे।’ गारनपुरा के विजयपाल श्योराण एचटेट की महत्ता बताते हुए कहते, ‘बेशक एचटेट उत्तीर्ण होना रोजगार की गारंटी नहीं है, पर ऐसा करने वाला अपने साथियों में विशेष पहचान पाता है।                                                dt

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.