.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Sunday 12 April 2015

31 हजार छात्रों का फंड खा गए अफसर-इंस्टीट्यूट


** एससी-बीसी छात्राें को कोचिंग देने के नाम पर 31करोड़ रुपए का घोटाला 
** विजिलेंस जांच में खुलासा लोकायुक्तका आदेश- चार माह में पूरी जांच करें
चंडीगढ़ : प्रदेश में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों के नाम पर 31 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसमें कुछ सरकारी अफसर और कोचिंग इंस्टीट्यूट शामिल हैं। हरियाणा में पिछले कुछ सालों से एससी-बीसी छात्रों को एआईईईई-आईआईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए कोचिंग स्कीम चल रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने 30,919 स्टूडेंट्स के नाम पर फंड जारी किया। हरेक छात्र के लिए 10-10 हजार रुपए। मिले सिर्फ 89 छात्रों को ही। बाकी के छात्र थे ही नहीं। उनके नाम सिर्फ कागजों में थे, जो कुछ फर्जी कोचिंग इंस्टीट्यूट ने सरकार को भेजे थे। 
ये खुलासा हुआ है विजिलेंस की एक रिपोर्ट में। कुरुक्षेत्र के भूपिंदर सिंह ने शिकायत दी थी कि इस योजना में जबरदस्त घोटाला हो रहा है। इसके आधार पर विजिलेंस ब्यूरो ने छापे मारे तो ये सच्चाई निकलकर आई। इस प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर लोकायुक्त जस्टिस प्रीतमपाल सिंह ने विजिलेंस को चार महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया है। 
अब बाबूओं की भूमिका की जांच 
अभी तक की जांच में विजिलेंस ने गड़बड़ी करने वाले इंस्टीट्यूट्स के नाम हासिल कर लिए हैं। लेकिन, उन अफसरों-कर्मियों की भूमिका अभी पता नहीं चल सकी हैं, जिनके जरिए या मदद से ये पैसे हड़पे गए। विजिलेंस ब्यूरो अगले कुछ दिनों में इस दिशा में काम करेगा। रिपोर्ट 18 अगस्त तक सौंपनी है, तब तक ये नाम भी सामने जाएंगे। 
लोकायुक्त ने एसपी विजिलेंस को दी सिविल कोर्ट की पावर 
सरकारी अफसरों की मिलीभगत से और भी बहुत सारी अनियमितताएं सामने आने की संभावना हैं, इसलिए पूरी जांच के लिए चार माह का समय दिया गया है। इसके लिए विजिलेंस ब्यूरो ने टेक्नीकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर अरुण कुमार का भी सहयोग मांगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए लोकायुक्त ने विजिलेंस ब्यूरो के एसपी को (एसआईटी की तरह काम करने की छूट) जांच के लिए सिविल कोर्ट की पावर दे दी। 
4 जिलों में कुल 42 कोचिंग सेंटर 
प्रदेश के विभिन्न कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने अपने यहां एससी-बीसी के स्टूडेंट्स का फर्जी रजिस्ट्रेशन दिखाकर उनके नाम पर फीस हड़प ली। तीन दिन पहले लोकायुक्त के यहां हुई सुनवाई के दौरान एसपी विजिलेंस ब्यूरो की ओर से जानकारी दी गई कि प्रदेश में डीईटी और एआईईईई एंट्रेंस एग्जाम के लिए शिड्यूल कास्ट के कोचिंग ले रहे छात्रों की संख्या 30,919 बताई गई थी। जब ब्यूरो की टीम ने इनका फिजिकल वेरिफिकेशन किया तो इनमें से केवल 83 स्टूडेंट्स ही सही पाए गए। इसी तरह ब्यूरो टीम ने 4 जिलों में 42 कोचिंग सेंटरों को चेक किया तो उनमें से 22 सेंटर फर्जी थे। 
यह है मामला 
प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग संबंधी योजना हरियाणा वेलफेयर ऑफ शिड्यूल कास्ट एंड बैकवर्ड क्लास डिपार्टमेंट की है। इसके तहत एससी-बीसी वर्ग के उन छात्रों को मदद दी जाती है, जिनके परिवार की सालाना इनकम एक से ढाई लाख के बीच हो। प्रत्येक छात्र को 10,000 रुपए मिलते हैं। इसी फंड में करोड़ों रुपयों का घपला हुआ है।                                                           db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.