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Friday 4 December 2015

प्रदेश में शिक्षा तंत्र : खतरे में साख

रोहतक में दसवीं और बारहवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं चुरा कर जला दिए जाने से फिर साबित हो रहा है कि प्रदेश में शिक्षा तंत्र सर्वाधिक असुरक्षित और आशंकित क्षेत्र बन कर रह गया है। राजकीय स्कूल से उत्तर पुस्तिकाओं के साथ अन्य रिकॉर्ड भी गायब कर जला दिया गया। हालात की दुर्दशा दर्शाने के लिए ये तथ्य पर्याप्त हैं कि प्रिंसिपल के कमरे की चाबी गुम हो गई, वे उसके मिल जाने का इंतजार करते रहे, स्कूल में चौकीदार भी नहीं, ऐसे में वही हुआ जिसकी आशंका थी। यह वही रोहतक जिला है जहां कुछ अर्सा पूर्व बीटेक की उत्तर पुस्तिकाएं बड़ी संख्या में चोरी हुईं, फिर विश्वविद्यालय की छत पर मिली, हाल ही में वहां मेडिकल विवि की उत्तर पुस्तिकाएं चुरा ली गईं। इसी जिले में एआइपीएमटी का पेपर लीक हुआ, हाल ही में एचटेट परीक्षा का जो प्रश्न पत्र जींद में लीक हुआ उसके तार भी रोहतक के साथ सोनीपत से सीधे जुड़े मिले। रेवाड़ी के मीरपुर विवि में आंसर शीट चुराए जाने का मामला भी सामने आ चुका। इन सबके आलोक में सहज रूप से समझा जा सकता है कि शिक्षा क्षेत्र की स्थिति कितनी गंभीर हो चुकी है। इतने घोटालों, विसंगतियों के बीच शिक्षा का गिरता स्तर और रसातल में जाता परीक्षा परिणाम सरकारी लक्ष्यों और नीतियों को ठेंगा दिखा रहा है। समझ से बाहर है कि इतना कुछ विपरीत होने के बावजूद सरकार की ओर से कार्रवाई की औपचारिकता पूरी करने के अलावा कुछ और क्यों नहीं किया जा रहा? परीक्षा की तैयारी ठीक से नहीं हो पा रही क्योंकि अध्यापकों की भारी कमी के कारण पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पा रहा, यानी आधार महफूज नहीं, परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाएं सुरक्षित नहीं यानी लक्ष्य के मार्ग में कांटे ही कांटे हैं, अंत में परीक्षा परिणाम की दरिद्रता, दयनीयता भविष्य के भी असुरक्षित होने का आभास दिलाती है। तात्पर्य यह है कि हर स्तर पर आशंका, असुरक्षा मुंह बाए खड़ी है। सरकार को स्कूल, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में उत्तर पुस्तिकाओं को लावारिस की तरह छोड़ने की आदत सुधारने के लिए तत्काल कड़े कदम उठाने चाहिए। दूसरी बात यह कि परीक्षा तंत्र की महत्ता को स्वीकार करने के साथ इसकी गोपनीयता, गरिमा को स्थापित करने के लिए ठोस नीति-रणनीति बनाने में विलंब नहीं होना चाहिए। शर्मनाक उदाहरणों से सबक लेते हुए सुनिश्चित किया जाए कि इनकी पुनरावृत्ति न हो, साख को बहुत क्षति पहुंच चुकी, इसे तार-तार होने से बचाए सरकार।                                                              djedtrl

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